सांसद तनखा ने ट्वीट कर कहा है कि मप्र में पंचायती राज के चुनाव की घोषणा विचित्र क़ानूनी परिस्थिति में है। कॉन्स्टिट्यूशन प्रक्रिया और प्रावधान की पूर्ण अनदेखी कर प्रदेश सरकार द्वारा पारित अध्यादेश जनता के साथ धोखा है। जनता का विश्वास कोर्ट के साथ है। क़ानून द्वारा स्थापित राज का संदेश देना हम सब का दायित्व है।
State Ordnance to hold 3 tier Panchayat elections Very Qv able circumstances :: violates constitutional provision. Challenge will decide if state law can supersede the constitution law :: brazen defiance of law by MP state :: burden on law courts to protect rule of law.
— Vivek Tankha (@VTankha) December 4, 2021
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि हम तो पिछले कई समय से यह माँग कर रहे हैं कि प्रदेश में जल्द नगरीय निकाय व पंचायत के चुनाव हों लेकिन लगता है कि सरकार इन चुनावों से डरी हुई है, वह चुनाव करवाना नहीं चाहती है, वह चुनावों से भाग रही है। जब परिसीमन और आरक्षण को लेकर न्यायालय में विभिन्न याचिकाएँ पहुँची हैं तो अचानक आधे अधूरे में, जल्दबाज़ी में पंचायत चुनाव की घोषणा समझ से परे है ? ऐसा लगता है कि सरकार ख़ुद चुनाव नही चाहती है, वो चाहती है कि भविष्य में चुनावों पर रोक लग जाये और वो कह सके कि हम तो चुनाव कराना चाहते थे। नाथ ने कहा कि पता नहीं क्यों वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर वर्ष 2021-22 में चुनाव करवाये जा रहे हैं ? रोटेशन पद्धति से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नही किया जा रहा है ? लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन क्यों किया जा रहा है ?
पता नही क्यों वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर वर्ष 2021-22 में चुनाव करवाये जा रहे है ?
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 4, 2021
रोटेशन पद्धति से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नही किया जा रहा है ?
लोकतांत्रिक अधिकारो का दमन क्यों किया जा रहा है ?
- *जेपी धनोपिया प्रभारी चुनाव आयोग कार्य MPCC*
पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने भाजपा सरकार के दबाब में चुनावों की घोषणा की है जिसमें बहुत त्रुटियाँ हैं , मतदाता सूची तैयार नहीं , परिसीमन के मामले में उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किए हैं , अध्यक्ष का आरक्षण होना है पंच सरपंच का आरक्षण 2014 का लागू कर रहे हैं मतलब एक चुनाव में दो फ़ार्मूले अपनाना ग़लत है , चुनाव 2022 में होंगे और 01-01-2022 को जो नये मतदाता 18 वर्ष के होंगे उनको मतदान से वंचित किया जाना सरासर ग़लत है इस सब से साफ़ है कि पंचायत चुनाव का कार्यक्रम ग़लत है जो भाजपा के दबाब में किया है । कांग्रेस कोर्ट नहीं जाएगी हम चुनाव में जाएँगे लेकिन जो लोग इससे दुखी होकर कोर्ट जा रहे हैं हम उनकी मदद करेंगे और उनके साथ हैं।