प्रदेश में पेयजल, उद्योगों एवं बिजली कंपनियों के लिये जल कर की दरें बढ़ीं, आठ साल बाद आगामी 1 जनवरी से बढ़ाई जाएगी


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल। राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के स्वामित्व वाले जलाशयों से पेयजल एवं अन्य उपयोग के लिये लिये जाने वाले जल पर कर की दरें बढ़ा दी हैं। जबकि कृषि प्रयोजन के लिये जल कर कुछ कम किया गया है। ये दरें आठ साल बाद बढ़ाई गई हैं।

नगरीय निकायों, ग्राम पंचायत एवं पीएचई के लिये अब पेयजल की दरों में प्रति वर्ष 50 प्रतिशत की वृध्दि होगी तथा इसमें एक पैसे की अतिरिक्त वृध्दि रहेगी। 

पहले ये दरें 1 अप्रैल 2000 से 20 पैसा प्रति घनमीटर थीं जिसमें प्रति वर्ष 2 पैसे की वृध्दि का प्रावधान था।

इसी प्रकार उद्योगों के लिये जल कर की दरें अब शासकीय स्रोतों यथा जलाशय, नहर, नलकूप आदि के लिये 8 रुपये प्रति घनमीटर होंगी जिसमें हर साल 5 प्रतिशत की वृध्दि की जायेगी। पहले यह दर 5 रुपये 50 पैसा प्रति घनमीटर थीं। उद्योगों के लिये नैसर्गिक स्रोतों यथा नदी, झील, कुआं आदि से पानी लेने पर जल दर 3 रुपये प्रति घनमीटर होगी जिसमें प्रतिवर्ष 1 जनवरी से 5 प्रतिशत की वृध्दि की जायेगी। पहले यह दर 1 रुपये 55 पैसे प्रति घनमीटर थी।

इसके अलावा अब ताप एवं जल विद्युत परियोजनाओं से पानी लेने पर जल दर शासकीय स्रोतों के मामलों में 60 पैसा प्रति किलोवाट घण्टा 1 जनवरी 2022 से होगी तथा इसके बाद प्रति वर्ष 2 पैसा की वृध्दि की जायेगी। पहले यह दर 20 पैसा प्रति किलोवाट घण्टा थी जिसमें हर साल 2 पैसा की वृध्दि का प्रावधान था।  नैसर्गिक स्रोतों के मामलों में यह जल दर 20 पैसा प्रति किलोवाट घण्टा 1 जनवरी 2022 से होगी और इसमें प्रति वर्ष 1 पैसा की वृध्दि की जायेगी। जबकि पहले यह दर 5 पैसा प्रति किलोवाट घण्टा थी

जिसमें 1 पैसा प्रति वर्ष की वृध्दि का प्रावधान था।

कृषि के लिये अब फ्लेट दरें :

राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिये जल की दरें फ्लेट कर दी हैं। पहले खरीफ फसल के अंतर्गत धान के लिये तीन बार पानी लेने पर 630 रुपये प्रति हैक्टेयर लगते थे परन्तु अब कितनी ही बार पवानी लेने पर फ्लेट 380 रुपये प्रति हैक्टेयर लगेंगे। कपास के लिये पहले तीन बार पानी लेने पर 585 रुपये प्रति हैक्टेयर लगते थे जो अब फ्लेट 335 रुपये प्रति हैक्टेयर लगेंगे। हरी घास वाली फसलों, मंगफली, ज्वार, मक्का, मंग, सोयाबीन, तिल, तुअर व उड़द के लिये पहले तीन बार पानी लेने पर 525 रुपये प्रति हैक्टेयर लगते थे जो अब फ्लेट 275 रुपये प्रति हैक्टेयर कर दिये गये हैं। इसी प्रकार रबी फसल के अंतर्गत गेंहू के लिये तीन बार पानी लेने पर 600 रुपये लगते थे जो अब फ्लेट 350 रुपये कर दिये गये हैं। चना फसल के लिये दर यथावत 200 रुपये प्रति हैक्टेयर एक बार पानी लेने के लिये रखी गई है। धान रबी के लिये पहले तीन बार पानी लेने पर 840 रुपये प्रति हैक्टेयर लगते थे जो अब फ्लेट 590 रुपये प्रति हैक्टेयर कर दिये गये हैं।

उक्त के अलावा, दलहनी एवं तिलहनी फसलों के लिये अब कितमनी ही बार पानी लेने पर फ्लेट दर 350 रुपये प्रति हैक्टेयर कर दी गई है जो पहले 600 रुपये तीन बार पानी लेने पर लगती थी। सब्जी फसलों, फलदार फसलों तथा बरसीम घास के लिये जल दर यथावत क्रमश: 630, 960 एवं 480 रुपये प्रति हैक्टेयर रखी गई हैं।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि लम्बे समय बाद जल दरों का युक्तियुक्तकरण किया गया है तथा कृषि क्षेत्र के लिये फ्लेट दरों का प्रावधान कर इन दरों को कम किया गया है। दरें निर्धारित करने का काम पिछले दो साल से किया जा रहा था जो अब मूर्त रुप ले सकी हैं।