Land For Job Scam: लैंड फॉर जॉब मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, लालू यादव का करीबी अमित कत्याल गिरफ़्तार


स्टोरी हाइलाइट्स

Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव का परिवार एक बार फिर मुश्किलों में है. ईडी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है..!!

Land For Job Scam: ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ईडी ने लालू यादव के करीबी अमित कत्याल को गिरफ्तार कर लिया है. अमित एक व्यवसायी हैं और एके इन्फोसिस्टम के प्रमोटर भी हैं. यह कंपनी नौकरियों के बदले जमीन घोटाला मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल है. फिलहाल, इस जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच लगातार जारी है.

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कौन हैं अमित कत्याल?

अमित कत्याल राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं, जो नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में शामिल है. ईडी ने मार्च में एक बयान में कहा था कि कागज पर संपत्ति को मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों के नाम पर घोषित किया गया है. लेकिन, तेजस्वी प्रसाद द्वारा इसका उपयोग केवल आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है.

नौकरी के बदले ज़मीन घोटाला क्या है?

बता दें कि 2004 से 2009 के बीच लालू यादव सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि जब लालू रेल मंत्री थे तब रेलवे भर्ती घोटाला हुआ था. जिसमें नौकरी दिलाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे. इस मामले की जांच के बाद सीबीआई ने लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं हैं.

पिछले साल सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसमें लालू यादव पर रेल मंत्री रहने के दौरान घोटाला करने का आरोप है. सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में लालू यादव के परिवार ने नौकरी चाहने वालों से रिश्वत के तौर पर जमीन ली. 

गौरतलब है कि किसी नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने से पहले सीबीआई को नियमानुसार अनुमति लेनी होती है. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में लालू यादव का परिवार भी आरोपी हैं. ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र के मुताबिक यह घोटाला तकरीबन 600 करोड़ रुपये का है.