उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर में से एक वकील हसन का घर डीडीए ने बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया। वकील हसन का आरोप है कि डीडीए ने उनसे पैसे की मांग की और नहीं देने पर यह कार्रवाई की गई। वकील हसन का कहना है कि अगर उन्हें उनका घर वापस नहीं मिला तो वह अनशन करेंगे।
अब इसे लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है, कि वकील हसन Rat Miner जिसने टनल में फंसे 41 मज़दूरों की जान बचाई उसका घर DDA ने तोड़ दिया। देश का हीरो आज बेघरबार हो गया। उसके बच्चे आज सड़क पर हैं। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कील हसन से माफ़ी माँग कर वकील हसन को घर देंगे। देना चाहिए।
रैट होल माइनर के वकील हसन का कहना है कि डीडी ने प्रशासन को बिना कोई नोटिस दिए उनका घर गिरा दिया। उनका कहना है कि मैंने यह घर 2013 में खरीदा था। मकान की रजिस्ट्री 1987 की है। लेकिन फिर भी प्रशासन ने उसका घर तोड़ दिया। वकील हसन का कहना है कि इस पूरी कॉलोनी में डीडीए ने सिर्फ मेरा घर तोड़ा। कारण यह है कि वे मुझसे पैसे मांगते रहते थे। मैंने एक बार भुगतान किया। लेकिन अब मेरे पास पैसे नहीं थे। जिसके कारण उन्होंने मेरा घर तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि यह मकान डीडीए की जमीन पर अवैध तरीके से बनाया गया था। हसन ने केंद्र सरकार और डीडीए से अपील की कि क्या सरकार सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाने के लिए उन्हें कोई इनाम देना चाहेगी। हसन ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी घर से बाहर गये थे। मेरे छोटे बच्चे घर पर अकेले थे। फिर डीडीए ने बुलडोजर से हमारे घर का गेट तोड़ दिया। मेरे बच्चे कहते रहे, कि पापा के आने तक इंतज़ार करो। लेकिन मेरे आने से पहले ही घर से तोड़ दिया गया।