Cyber Crime Top 5 Countries: भारत के साइबर क्राइम खतरे के परिदृश्य ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया है. देश 2023 की पहली छमाही में वैश्विक मैलवेयर और ऑनलाइन बैंकिंग मैलवेयर का पता लगाने में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है. ट्रेंड माइक्रो की मध्य-वर्ष साइबर सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, भारत मैलवेयर का पता लगाने में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है, जो पहले छह महीनों में कुल 90,945 रैंसमवेयर का पता लगाने में से 5.5 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है.
मैलवेयर हमलों के मामले में भारत चौथे स्थान पर-
भारत ऑनलाइन बैंकिंग मैलवेयर हमलों में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है, जो वर्ल्ड पापुलेशन के हिसाब से लगभग 8.2 प्रतिशत है. साल 2023 के दौरान शुरुआती महीनों में महत्वपूर्ण 5609 ऑनलाइन मैलवेयर हमलों की पहचान की गई. इन खतरों का असर विभिन्न क्षेत्रों पर देखने को मिल रहा है.
सरकारी क्षेत्र को 18862 मैलवेयर हमलों का सामना करना पड़ा. जबकि, बैंकिंग क्षेत्र को 15,514 मैलवेयर हमलों का सामना करना पड़ा. विशेष रूप से कोमिनेर, मिमिकेट्स और पावलोड जैसे मैलवेयर समूह विनिर्माण, सरकार और बैंकिंग उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण खतरे पैदा करते हैं.
साइबर अपराध तेजी से बढ़ें-
भारत साइबर सुरक्षा दुविधा का सामना कर रहा है इसलिए, डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सक्रिय उपायों की आवश्यकता सर्वोपरि है. साइबर अपराधी तेजी से परिष्कृत होते जा रहे हैं और अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं.
वैश्विक स्तर पर, चालू वर्ष की पहली छमाही में 85 अरब खतरों को अवरुद्ध किया गया, जिसमें 37 अरब ईमेल धमकियां और 46 अरब दुर्भावनापूर्ण फ़ाइलें शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर बैंकिंग, खुदरा और परिवहन शीर्ष तीन उद्योग हैं, जिनमें 52 सबसे अधिक रैंसमवेयर हमले हुए हैं, जिनमें साइबर हमले भी तेज़ी से बढ़ें है.