चक्रवात मोन्था को लेकर अलर्ट जारी, भारी बारिश का अनुमान


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स्टोरी हाइलाइट्स

चक्रवात ने तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों को भी प्रभावित किया है..!!

चक्रवात 'मोन्था' का असर कई राज्यों में महसूस किया गया। चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी नुकसान पहुँचाया है। आंध्र प्रदेश में दो और लोगों की जान चली गई है, जबकि 1,50,000 एकड़ ज़मीन पर लगी फ़सलें बर्बाद हो गई हैं। 

रिपोर्टों से पता चलता है कि चक्रवात ने तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों को भी प्रभावित किया है। मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद मोन्था कमज़ोर पड़ गया। हालाँकि, भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण पेड़ उखड़ गए, घर ढह गए और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे बिजली आपूर्ति और यातायात बाधित हुआ। 

इस बीच, मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश और उत्तरी तटीय इलाकों में दो दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। मंगलवार आधी रात को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट पर पहुँचने के बाद चक्रवात कमज़ोर पड़ गया। तूफ़ान के मद्देनज़र, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तूफ़ान से प्रभावित ज़िलों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों के कारण नुकसान कम हुआ है।

इस बीच, कोलकाता में चक्रवात मोन्था के कमजोर पड़ने के बाद शुक्रवार 31 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, मौसम प्रणाली उत्तर-उत्तरपश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसलिए, दक्षिण बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 

शुक्रवार तक दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, पूर्वी बर्धमान और पुरुलिया जिलों में भी भारी बारिश का अनुमान है। ओडिशा में 25 स्थानों पर भी भारी बारिश की आशंका है। चक्रवात के प्रभाव से बचाने के लिए 2,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसूति गृहों में भर्ती कराया गया। 

चक्रवात ने बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम जिले में दस्तक दी, जिससे ऊंची लहरें उठीं। हवा की गति 80-100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि गजपति जिले में सबसे अधिक 150.5 मिमी बारिश हुई। गुरुवार 30 अक्टूबर को भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है।