एडीआर द्वारा दायर याचिका में भारत के चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 17सी-1 (वोटिंग डेटा) अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है, 'चुनाव आयोग द्वारा 30 अप्रैल को जारी 2024 लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के मतदान के आंकड़े 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान के 4 दिन बाद जारी किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एडीआर द्वारा दायर एक याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें भारत के चुनाव आयोग से मतदान के तुरंत बाद आधिकारिक मतदान प्रतिशत घोषित करने की मांग की गई थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने याचिका पर जवाब देने के लिए चुनाव आयोग को 24 मई तक का समय दिया।
इससे पहले दिन में, वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि 'डेटा ने बहुत चिंता पैदा की है। हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग मतदान अधिकारी से जानकारी प्राप्त करे और इसे वेबसाइट पर डाले। रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्येक पोलिंग एजेंट को डेटा देता है।
इसके बाद CJI ने चुनाव आयोग से पूछा, 'इस लगाने में क्या दिक्कत है?' EC ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'यह रातोरात नहीं हो सकता।' चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा ने CJI से कहा, 'डेटा को सभी स्तरों पर जांचने की जरूरत है और इसमें समय लगता है। कुछ मिस मैच हो सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा में कोई मिसमैच न हो।'
चुनाव आयोग ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चार चरणों में औसत मतदान प्रतिशत 66.95 प्रतिशत दर्ज किया गया है। अब तक हुए चुनावों में करीब 97 करोड़ मतदाताओं में से 45.10 करोड़ लोगों ने मतदान किया है।
एक बयान में, आयोग ने मतदाताओं से आगामी चरण में उत्साहपूर्वक भाग लेने और मतदान करने की अपील की। चुनाव आयोग के अनुसार, 13 मई को हुए चौथे चरण के मतदान में 69.16 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के लोकसभा चुनाव के इसी चरण की तुलना में 3.65 प्रतिशत अधिक है।