महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के 4 दिन बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो सका है। इसके लिए अब बीजेपी बुधवार 27 नवंबर को यहां पर्यवेक्षक भेजेगी, जो विधायकों से रायशुमारी के बाद ही राज्य के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे।
आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। पिछले मंगलवार को विधानसभा का कार्यकाल भी ख़त्म हो गया। नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक शिंदे राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहेंगे। शिंदे 28 जून 2022 से 26 नवंबर 2024 तक राज्य के सीएम रहे हैं।
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और बीजेपी सूत्रों की मानें तो आलाकमान ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फड़णवीस का नाम बता दिया है। इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्री या राज्य में डिप्टी सीएम का पद भी ऑफर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक शिंदे इस बात से थोड़े नाराज हैं। दरअसल, पिछले मंगलवार को शिंदे 2 से 3 कार्यक्रमों में शामिल हुए, लेकिन कहीं भी हमेशा की तरह मीडिया से बात नहीं की।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, नए मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फड़णवीस का नाम लगभग तय हो चुका है। इसी तरह अगर फड़णवीस सीएम बनते हैं तो नई सरकार में पहले की तरह दो डिप्टी सीएम होंगे। एनसीपी से अजित पवार और शिवसेना से शिंदे नए विधायक का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र की इस नई सरकार का एजेंडा तय करने के लिए तीनों पार्टियों की एक कमेटी बनाई जा सकती है, जिसके अध्यक्ष एकनाथ शिंदे भी हो सकते हैं। हालांकि, शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े इससे इनकार करते हैं।
मंगलवार को ही एनडीए सहयोगी आरपीआई (ए) नेता रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे को अब केंद्रीय मंत्री बनाया जाना चाहिए। अठावले ने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फड़णवीस का समर्थन किया है।
इस समय महाराष्ट्र और महायुति में एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है। जहां कई बीजेपी नेता चाहते हैं कि फड़णवीस अगले मुख्यमंत्री बनें, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे इस पद पर बने रहें।
इधर एनसीपी और उसके नेता अजित पवार फिलहाल न्यूट्रल मोड में हैं, उन्होंने चुप्पी साध रखी है। आपको बता दें, कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया। उसने 288 में से 235 सीटें जीतीं। महायुतिया के घटक दल भाजपा ने 132 सीटें, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 41 सीटें जीतीं। गठबंधन में शामिल छोटी पार्टियों ने पांच सीटों पर जीत हासिल की।