Farmers Protest: किसानों के ''दिल्ली चलो'' मार्च की वजह से देश की राजधानी के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. देर रात तक केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच लंबी बैठक भी चली. केंद्र सरकार ने आंदोलन पर अड़े किसानों को समझाने की हर संभव कोशिश की लेकिन, 5 घंटे से ज्यादा चली बैठक भी बेनतीजा रही.
उसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए कह दिया कि दिल्ली कूच होकर रहेगा. जिसके चलते गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत राजधानी की सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वहीं, पुलिस ने भी साफ कर दिया है कि किसानों की आड़ में अगर उपद्रवियों ने कानून व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
क्या हैं किसानों की मांग:
दिल्ली कूच का ऐलान करने वाले किसान संगठन केंद्र सरकार से MSP की गारंटी की मांग कर रहे हैं. साथ ही किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने पर अड़े हुए हैं. इसके अलावा किसानों की पेंशन और ऋण माफी भी आंदोलन का हिस्सा है. वहीं, किसान संगठन पिछले आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को भी खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली में धारा-144 लागू-
केंद्र की किसान संगठनों के साथ हुई बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाने के बाद शंभू बॉर्डर पर सुबह से ही ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे. इस विरोध प्रदर्शन के चलते पूरी दिल्ली में धारा-144 भी लगा दी गई है, जो 12 फरवरी से 12 मार्च तक धारा-144 लागू रहेगी.
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की तरफ से जारी आदेश में बताया गया है कि इस दौरान लोगों के एकजुट होने, रैलियां करने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर राजधानी दिल्ली में रोक रहेगी. वहीं, दिल्ली के आसपास की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैफिक स्लो है और लोगों को बैरिकेडिंग होने की वजह से दिक्कत आ रही है.
गाजीपुर से कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें दिख रहा है कि वहां बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. किसानों आंदोलन की वजह से गाजीपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है, जिसकी वजह से बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया है. यहां बड़ी संख्या में पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है.
किसानों आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं पर भीषण ट्रैफिक जाम लग गया है. सुबह से ही दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर लगे ट्रैफिक जाम की वजह से लोगों को ऑफिस पहुंचने में देरी हो रही है. किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सीमाओं पर भारी भरकम अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है.
करीब 5 हजार से ज्यादा अर्धसैनिक बलों के जवान दिल्ली के अलग-अलग लोकेशन पर तैनात हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर 50 अर्धसैनिक बलों की कम्पनियां सुरक्षा में लगी हुई हैं. अगर जरूरत पड़ी तो स्टैंडबाय में मौजूद 5 अर्द्ध सैनिक बलों की कम्पनियों को तैनात किया जाएगा. फिलहाल, यह सभी कंपनियां दिल्ली पुलिस के साथ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद कर रही हैं.
शंभू बॉर्डर पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले-
दिल्ली कूच की मांग पर अड़े किसान संगठनों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहें हैं. किसानों को पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन बॉर्डर पर लगातार हालात बिगड़ रहे हैं.
यहां प्रशासन की तरफ से रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. किसानों को करीब 300 मीटर तक पीछे हटाया जा चुका है, लेकिन प्रदर्शनकारी उसके बावजूद दिल्ली में घुसने के लिए अड़े हुए हैं.