क्या राजनैतिक सौदेबाजी का हथकंडा बन चुका भारत रत्न सम्मान?


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

चुनावी साल में पांच भारत रत्न सम्मान, सोशल मीडिया में तर्क-वितर्क..!!

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के साथ प्रसिद्ध वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की है। इन तीनों हस्तियों को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का एलान किया था।

एन लोकसभा चुनाव से पहले इन हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा है। भारत रत्न के एलान के साथ ही सोशल मीडिया पर भी तर्क वितर्क शुरू हो गए हैं।  एक वर्ग ऐसा जो इस फैसले की तारीफ़ कर रहा है वही दूसरा वर्ग भारत रत्न सम्मान को अब राजनीतिक हथकंडा मानता दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर ये कहा जा रहा है कि  भारत रत्न अवार्ड की आड़ में बीजेपी अपना सियासी हित साध रही है। चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का फ़ैसले को भी लोकसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है। 

बीजेपी की मंशा को लेकर इस पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। पत्रकार दीपक शर्मा लिखते हैं, कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर नीतीश कुमार के लिये रास्ता खोला गया और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर जयंत चौधरी के लिये NDA में आने का रास्ता बनाया गया है। इस महान देश के महानतम सम्मान के साथ ये कैसी राजनैतिक सौदेबाजी है ? समय आने पर इतिहास मूल्यांकन करेगा!

पत्रकार आदेश रावल ने अपने X हैंडल पर लिखा- मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न देकर जयंत चौधरी के लिए पक्की सड़क का निर्माण किया है जो उन्हें बग़ैर किसी दिक़्क़त के बीजेपी की तरफ़ लेकर आएगी। कच्चे रास्ते पर आने से जयंत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों को बहुत दिक़्क़त होती।

उनका ये भी कहना है, कि अब शिवसेना के लिए बाल ठाकरे या वीर सावरकर, समाजवादी पार्टी के लिए मुलायम सिंह, अरविंद केजरीवाल के लिए खुद केजरीवाल, डीएमके के लिए करूणानिधि, एनसीपी के लिए शरद पवार और तेजस्वी के लिए लालू यादव, अकाली दल के लिए प्रकाश सिंह बादल, बीजेडी के लिए बीजू पटनायक  को भी भारत रत्न दे दीजिए ताक़ि__

वहीं भारत रत्न सम्मान दिए जाने को लेकर कांग्रेस को भी नसीहत दी जा रही है।

पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने अपने X हैंडल पर पोस्ट शेयर करके लिखा है, कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता जयराम रमेश जी कह रहे हैं कि चरण सिंह या नरसिम्हा राव या स्वामीनाथन हमेशा भारत रत्न थे। बात सही है। लेकिन यह भी सच है कि जब चुनने की बारी आई तो सचिन तेंदुलकर को इसके लिए चुना गया। जिनसे पहले कई लोगों को मिल सकता था। बात गलती की नहीं है। वक़्त के साथ सभी चीजों को अहसास करते हैं। असल बात यह है कि कांग्रेस ने के एक वर्ग को अभी भी गलती का अहसास नहीं है और वे कई बातों पर कोर्स करेक्शन के लिए तैयार नहीं है। अभी भी कांग्रेस के लिए सबसे विराट नेता/सहयोगी/चिंतक/विचारक बस 2 सहयोगी हैं -सीराराम येचुरी और डी राजा। इन दोनों सहयोगियों के साथ से कांग्रेस आम चुनाव में मुक़ाबला करने उतरी है।

पत्रकार मिलिंद खांडेकर का कहना है, कि, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद नीतीश कुमार NDA में शामिल हो गए. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद जयंत चौधरी का राष्ट्रीय लोक दल क्या करेगा?

कुल मिलाकर भारत रत्न दिए जाने से एक और जहाँ भाजपा की नीयत पर सवाल उठ खड़े हुए हैं वहीं कांग्रेस को भी नसीहतों का दौर जारी है। इन तर्क वितर्कों के बीच इतना साफ़ है कि भारत रत्न सम्मान के एलान बाद NDA का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के एलान के बाद  नीतीश कुमार NDA में शामिल हो चुके हैं और अब  चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान की घोषणा के बाद जयंत चौधरी की पोस्ट और बयान से भी ये साफ हो गया है कि वे अब NDA का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि कि अब किस मुंह से इनकार करूं।