हिमाचल राजनीतिक संकट: हिमाचल प्रदेश में बड़ी सियासी हलचल देखने को मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान द्वारा भेजे गए ऑब्जर्वर के सामने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की है। हालाँकि, उन्होंने अभी तक राज्यपाल को कोई इस्तीफा नहीं दिया है।
अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो बुधवार को बजट पास नहीं हो पाएगा। इससे सरकार के लिए संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। सूत्रों की मानें तो सुक्खू बुधवार 28 फरवरी की शाम तक राज्यपाल को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
कांग्रेस में चल रही उठापटक को रोकने के लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शिमला में मौजूद हैं। कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा कि किसी भी तरह की अफवाहों में शामिल होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और उन्हें दिए गए आदेशों का पालन करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि, बीजेपी किस हद तक सत्ता हासिल करने जा रही है, इस पर सवाल उठाया जाना चाहिए और चिंतित होना चाहिए। भाजपा जानबूझकर लोकतंत्र और जनादेश को कुचलने की कोशिश कर रही है।
आपको बता दें कि हिमाचल कांग्रेस में मतभेद मंगलवार (27 फरवरी) को सामने आया। वहीं राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इन विधायकों ने बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट दिया। नतीजा ये हुआ कि सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए।
इतना ही नहीं इन विधायकों ने सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बागी विधायकों में से एक रवि ठाकुर ने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं।