इंदिरा गांधी ने 1962 के युद्ध में अपने आभूषण तक दान कर दिए थे, पीएम मोदी के मंगलसूत्र विवाद पर खड़गे का जवाब


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मंगलसूत्र तंज' को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है अब इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने आभूषण दान कर दिए थे। 

उन्होंने कहा है, कि "भाजपा-आरएसएस के किसी भी नेता ने देश के लिए क्या बलिदान दिया है? उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में भी भाग नहीं लिया। चुनाव के लिए, मोदी जी लोगों से झूठ बोल रहे हैं कि उनका मंगलसूत्र सुरक्षित नहीं रहेगा। कांग्रेस ने इस देश पर 55 वर्ष तक शासन किया, क्या ऐसा एक बार भी हुआ है? इंदिरा गांधी ने 1962 के युद्ध में अपने आभूषण दान कर दिए थे, पंडित मोतीलाल नेहरू और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इलाहाबाद में आनंद भवन के रूप में अपना घर दान कर दिया था। खड्गे ने यह सवाल भी किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा ऐसा कोई बलिदान दिया गया।

खड़्बीगे ने अपने X ेहैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है,  एक दशक में दलित, आदिवासी, बहुजन, अल्पसंख्यक, और महिलाओं के साथ मोदी सरकार ने भारी नाइंसाफ़ी की है। जातिगत भेदभाव और अत्याचार बढ़ गए हैं। भारी बैकलॉग है। लेकिन, हर दूसरे दिन भाजपा नेता आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने की धमकी दे रहे हैं, जो अंबेडकर, नेहरू, आजाद और अन्य भारत के निर्माताओं ने हमें दिया है। 

भाजपा भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है, विशेषकर SC,ST, OBC, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए। कांग्रेस पार्टी नई "हिस्सेदारी न्याय" की गारंटी सामाजिक व आर्थिक समानता की सोच का हिस्सा है। हम SC और ST के Component Plan को पुनर्जीवित करेंगे और जल-जंगल-जमीन के अधिकारों के सुरक्षा करेंगे। हम जो वायदा करते हैं, वो पूरा करते हैं। इसका इतिहास रहा है UPA सरकार द्वारा लागू मनरेगा, RTE, RTI, Right To Food, वनाधिकार, रेहड़ी-पटरी वालों के अधिकार इसके ग़वाह हैं। 

पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने ऐसा एक भी काम नहीं किया। उनकी एकमात्र उपलब्धी चंद मित्रो को आमिर बनाना है। मोदी सरकार के नीतियों की वजह से असमानता की खाई और गहरी हो गई है। कमजोर तबकों की हालत इन 10 सालों में बद से बदतर हुई है। हमारे विचारों के केंद्र में गांधीजी और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का विजन रहा है। 

गांधीजी ने कहा था कि कि- "मैं ऐसे भारत के निर्माण के लिए कोशिश करूंगा, जिसमें गरीब से गरीब आदमी भी महसूस करेंगा कि ये उनका देश है। इसमें उनकी आवाज का महत्व होगा। ऊंच नीच का भेद नहीं होगा। स्त्रियों को भी पुरुषों जैसे अधिकार हासिल होंगे।" इस विज़न के साथ हमारे संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है। अवसर की समानता से लेकर जीविका का अधिकार दिया गया है। SC, ST, OBC, अल्पसंख्यकों और दूसरे कमजोर तबकों को समान अवसर मिलें। 

महिलाओं को समान अवसर मिले, गांव और शहर के बीच की खाई दूर हो, आर्थिक असमानता न हो, पिछड़े हुए क्षेत्र टापू की तरह न बन जाए, इन सारी बातों पर गौर करके हमने संविधान और योजनाएं बनाई थी। केवल यही नहीं, पंचायतो से लेकर संसद तक कमजोर तबकों के प्रतिनिधित्व को भी कांग्रेस के नेतृत्व में आगे बढाने का काम किया गया है। सामाजिक न्याय एक विस्तृत शब्द है। रातों रात समाज को बदला नहीं जा सकता। लेकिन समाज को बदलने के लिए गहरी सोच और कानूनी आधार भी होना चाहिए। 

हमारे नायकों ने दोनों काम किया। ये काम कभी हमारे एजेंडे से भटका नहीं है। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा’ देशभर में निकली थी, जिसके केन्द्र में सामाजिक न्याय था। इन यात्राओं ने बुनियादी मुद्दों को जनता के सामने रखा। ये बताने का काम किया कि न्याय के उन चार स्तंभों Justice, Liberty, Equality, Fraternity को मोदी सरकार कैसे तबाह कर रही है जो हमारे संविधान के Preamble में हैं। जो संविधान को बदलने की बात करते हैं, उनके मन में SC, ST, OBC, Minorities, गरीबों और महिलाओं के प्रति कितनी इज्जत है आप समझ सकते हैं? 

जातिगत जनगणना की मांग दो साल से हो रही है लेकिन इस सवाल पर मोदीजी का मौन सामाजिक न्याय के साथ धोका नहीं तो और क्या है? हकीकत ये है कि RSS-BJP के मन में बराबरी की बात कभी नहीं रही है। ये बातें वह केवल भाषणों में करते है। हकीकत में वे अपने अरबपति मित्रों को अमीर और जनता को गरीब बनाते हैं। चंद उद्योगपतियों को मालामाल करने के लिए वे जनता की संसाधन को बेचने में संकोच नहीं करते हैं। मोदी ने पिछड़े समुदायों को मूर्ख बनाने के लिए लगातार अपनी जाति का प्रचार किया है। सत्ता में आने के बाद से उन्होंने पिछड़े और दलितों के लिए कुछ नहीं किया है और उन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया हैं। 

यदि वे सत्ता में वापस आते हैं, तो एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय के अगले 5 साल होंगे। बाबासाहेब के संविधान को संरक्षित करने के लिए उन्हें सत्ता से बाहर करना जरूरी है। कांग्रेस के साथ मोदी जी का कुछ विशेष प्रेम है। अपने हर भाषण में वे कांग्रेस का जिक्र जरूर करते हैं। क्योंकि उनको पता है कि उनके तख्तो ताज को कांग्रेस ही चुनौती दे रही है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमारा संगठन है। अपने विचारों की ताकत पर कांग्रेस कायम है। और वो ताकत है सामाजिक न्याय की ताकत। एक असमतापूर्ण समाज की सोच वालों के खिलाफ हमारा संघर्ष मंजिल पर पहुंचने तक जारी रहेगा। और हमारी जीत जल्दी ही होने वाली है।

 इससे पहले, प्रधान मंत्री मोदी ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि कांग्रेस लोगों का सोना और संपत्ति छीनना चाहती है और इसे "अधिक बच्चे रखने वालों" के बीच वितरित करना चाहती है। पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों कांग्रेस छोड़ने वालों ने पार्टी के घोषणापत्र की ओर इशारा करते हुए कहा है कि पार्टी ''शहरी नक्सलियों की गिरफ्त में'' चली गयी है।

पीएम मोदी ने सत्ता में आने पर धन का पुनर्वितरण करने की कांग्रेस की मंशा के बारे में रिपोर्टों का जिक्र करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि पार्टी एक सर्वेक्षण कराएगी और वे महिलाओं के पास मंगलसूत्र भी नहीं रहने देंगे और "इस हद तक जाएंगे।"

पीएम  ने कहा, "जब वे (कांग्रेस) सरकार में थे, तो उन्होंने कहा कि भारत के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसलिए, वे इस धन (संपत्ति और सोना) को अधिक बच्चे पैदा करने वालों, अवैध प्रवासियों के बीच वितरित करेंगे... यह शहरी नक्सली सोच है आपके मंगलसूत्र को भी नहीं छोड़ेंगे। 

एक अन्य रैली में पीएम मोदी ने कहा कि उनके भाषण से पूरे कांग्रेस और इंडिया गुट में खलबली मच गई है।

पीएम मोदी ने कहा, "परसों जब मैं राजस्थान आया था तो मैंने अपने 90 सेकंड के भाषण में देश के सामने कुछ सच्चाईयां रखी थीं। इससे पूरे कांग्रेस और भारतीय गठबंधन में खलबली मच गई है। मैंने देश के सामने सच्चाई रखी थी कि कांग्रेस क्या साजिश रच रही है।" आपकी संपत्ति छीनकर अपने खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश। मैंने उनकी वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति का पर्दाफाश किया। आखिर कांग्रेस सच्चाई से इतनी डरती क्यों है?