‘तुमने ये किया था, मैंने ये किया’ के बजाय एकजुटता से मणिपुर का हल निकाले- स्वाति मालीवाल


स्टोरी हाइलाइट्स

Parliament Monsoon Session: 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है. लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. इस बीच दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का एक बयान सामने आया है.

Parliament Monsoon Session: दोनों ही सदनों में तीन हफ़्तों की उथल-पुथल के बाद संसद का मॉनसून सत्र खत्म हो गया है. यानी 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र का आज (11 अगस्त) आखिरी दिन है.

पहले दिन से ही विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़ा रहा. हालांकि, प्रधानमंत्री की बजाय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब भी दिया. फिर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा.

इस दौरान विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया. जिस पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर हिंसा पर जवाब दिया. हालांकि, इससे पहले ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी ने कहा, अदालत का फैसला आया, हिंसा का दौर शुरू हो गया. महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुआ और ये अपराध अक्षम्य है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. हम सब मिल कर परेशानी का समाधान निकालेंगे. मणिपुर में शांति का सूरज ज़रूर उगेगा.

अब पीएम मोदी के मणिपुर हिंसा पर बयान के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सियासी दलों पर बड़ा पलटवार किया. ट्विटर के ज़रिये उन्होंने पलटवार करते हुए लिखा, संसद सत्र का आज आख़िरी दिन है. 17 दिन की बैठक में संसद में 17 मिनट भी मणिपुर की समस्या कैसे हल करनी है, इसपर चर्चा नहीं हुई. मैं मणिपुर के हालात अपनी आँखों से देख के आई हूँ. ये वक़्त राजनीति का नहीं. तुमने ये किया था, मैंने ये किया, जनता ये सब नहीं सुनना चाहती. पक्ष-विपक्ष एक साथ देश के लिए एकजुटता से मणिपुर का हल निकाले.

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है. मॉनसून सत्र के आखिरी दिन भी विपक्ष सदन के अंदर और बाहर सिर्फ प्रदर्शन ही करता रहा. सदन की इस पूरी कार्यवाही के दौरान मणिपुर की समस्या कैसे हल की जाए, इस पर सिर्फ बयानबाजी के पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से कोई पहल नहीं की गई.