World Bank warns Israel-Hamas war: सोमवार को विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि अगर इजरायल और हमास के बीच युद्ध बढ़ा तो खनिज तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. इसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में खाना-पीना महंगा हो सकता है. विश्व बैंक के कमोडिटी मार्केट आउटलुक में कहा गया है कि अगर हिंसा नहीं बढ़ती है, तो तेल की कीमतों पर असर सीमित होगा. लेकिन, अगर हिंसा बढ़ती है तो स्थिति खराब हो सकती है.
हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान-
इजराइल पर हमास के हमलों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं. जिनमें से अधिकांश नागरिक ही हैं, और लगभग 240 को बंधक बना लिया गया है. इजराइल द्वारा हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा से पश्चिम एशिया में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. जिससे और तनाव बढ़ने की आशंका है.
इजराइली टैंक और पैदल सेना को गाजा में भेजा गया है क्योंकि प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध के "दूसरे चरण" की घोषणा की है. दूसरी ओर, हमास के अधिकारियों ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह सहित लेबनान के अन्य सहयोगियों से अधिक मदद मांगी है.
विश्व बैंक ने जताई चिंता-
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में हिंसक युद्ध की स्थिति में वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए तीन परिदृश्यों की बात की है. विश्व बैंक का अनुमान है कि यदि संघर्ष अल्पकालिक है तो प्रभाव सीमित होना चाहिए. ऐसी स्थिति में अगले साल तेल की कीमतें औसतन 81 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने की उम्मीद है. परंतु, एक मध्यम युद्ध से वैश्विक तेल आपूर्ति में प्रतिदिन 3 मिलियन से 5 मिलियन बैरल की कमी हो जाएगी, जिससे तेल की कीमतें 35% तक बढ़ सकती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 1973 के अरब तेल प्रतिबंध के दौरान हुए युद्ध के समान परिदृश्य से अगर वैश्विक तेल आपूर्ति में प्रतिदिन 6 मिलियन से 8 मिलियन बैरल की कमी हो जाएगी और कीमत 56% से 75% या $140 से $157 प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं.
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा प्रभाव-
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमिट गिल ने कहा कि यूक्रेन और रूस के आक्रमण का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पहले से ही विघटनकारी प्रभाव पड़ा है, जो आज भी जारी है. गिल ने कहा, “यदि संघर्ष बढ़ता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को दशकों में पहली बार दोहरे ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा. जो न केवल यूक्रेन युद्ध के कारण बल्कि पश्चिम एशिया की स्थिति के कारण भी होगा.
खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने की संभावना-
विश्व बैंक के उप मुख्य अर्थशास्त्री अहान कोसे ने कहा कि तेल की ऊंची कीमतों से खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा, अगर तेल की कीमतें गंभीर स्तर पर पहुंच जाती हैं, तो इससे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ जाएगी. जो यूक्रेन और रूस के आक्रमण के परिणामस्वरूप कई विकासशील देशों में पहले ही बढ़ गई है. नए संघर्ष से न केवल उस क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में खाद्य कीमतें बढ़ने की संभावना है.
युद्ध शुरू होने के बाद बढ़ी कीमत-
युद्ध की शुरुआत के बाद से तेल की कीमत लगभग 6% बढ़ गई है. विश्व बैंक के अनुसार, युद्ध की स्थिति में सोने का मूल्य लगभग 8% बढ़ गया है. कुछ विश्लेषकों को संदेह है कि अमेरिका को तेल की कमी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अमेरिकी तेल उत्पादन अब तक के उच्चतम स्तर पर है. गुरुवार को ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि बिडेन प्रशासन हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के आर्थिक परिणामों की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है.