इजराइल द्वारा गाजा पर बमबारी से फिलिस्तीन को बड़ा झटका लगा है। नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन ने फ़िलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। नॉर्वे के प्रधान मंत्री जोनास गार स्टॉर ने कहा कि टू-स्टेट समाधान देखना इज़राइल के हित में है। टू-स्टेट समाधान का मतलब है कि इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
इजराइल और हमास के बीच पिछले साल 7 अक्टूबर से युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में 30 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। हमास को खत्म करने के मकसद से गाजा पर बमबारी कर रहे इजरायल को बड़ा झटका लगा है। नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन ने फ़िलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। नॉर्वे के प्रधान मंत्री जोनास गार स्टॉर ने कहा कि टू-स्टेट समाधान हासिल करना इज़राइल के हित में है।
प्रधानमंत्री जोनास गार स्टॉर ने कहा नॉर्वे अरब शांति योजना का समर्थन करता है। वास्तव में, टू-स्टेट समाधान का मतलब है कि इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। भारत भी टू-स्टेट समाधान की वकालत करता रहा है। पीएम जोनास गार स्टॉर ने आगे कहा कि जब तक फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता नहीं दी जाती तब तक मध्य पूर्व में शांति नहीं हो सकती।
गार स्टॉर ने कहा कि स्कैंडिनेवियाई देश 28 मई तक आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा। उन्होंने कहा, "फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देकर नॉर्वे अरब शांति योजना का समर्थन करता है।"
पिछले सप्ताह कई यूरोपीय संघ देशों ने संकेत दिया है कि वे फ़िलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं। उनका तर्क है कि क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए दो-राज्य समाधान आवश्यक है। आपको बता दें कि नॉर्वे यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है।
नॉर्वे की घोषणा के बाद आयरिश प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने भी फ़िलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने की बात कही। पत्रकारों से बात करते हुए हैरिस ने कहा कि आज आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला किया है। स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज़ ने कहा कि इस मामले में हमारी कैबिनेट की बैठक 28 मई को होगी।
इन तीनों देशों के फैसले से इजराइल नाराज है। इज़राइल ने आयरलैंड और नॉर्वे में अपने राजदूतों को तत्काल वापस लौटने का आदेश दिया है। इज़राइल ने कहा कि इस फैसले से चरमपंथ बढ़ेगा और मध्य पूर्व में अशांति बढ़ेगी।