ईरान की परमाणु संधि से हटने की तैयारी, ईरान के विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान


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स्टोरी हाइलाइट्स

ईरान की परमाणु अप्रसार संधि से हटने की तैयारी, तैयार किया जा रहा विधेयक..!!

इजराइल, ईरान के बीच चल रहे तीव्र संघर्ष ने इन दिनों दुनिया के देशों की नींदें उड़ा दी हैं। अब ईरान परमाणु संधि से हटने की तैयारी कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है। ईरान की संसद परमाणु अप्रसार संधि से हटने की तैयारी में है। इसके लिए ईरान की ओर से विधेयक तैयार किया जा रहा है।  

इन ईरान का परमाणु कार्यक्रम लंबे समय से चर्चा में है। इजरायल ने ईरान पर हमला किया, परमाणु ईरान का परमाणु कार्यक्रम लंबे समय से वैश्विक सुर्खियों में है। शुक्रवार 13 जून की सुबह इजरायल ने इसी के आधार पर ईरान पर अपना सबसे बड़ा सैन्य हमला किया। इस हमले में परमाणु स्थलों और सैन्य शिविरों को निशाना बनाया गया। इजरायल का दावा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम मध्य पूर्व के लिए खतरा बन रहा है।

इस हमले ने दुनिया भर में हलचल मचा दी, क्योंकि अमेरिका समेत कई देशों का मानना है कि ईरान का कार्यक्रम अभी हथियार बनाने की राह पर नहीं है। हालांकि, ईरान के यूरेनियम संवर्धन और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षणों पर प्रतिबंध ने संदेह पैदा किया है। इसके बाद ही इजरायल ने ऐसा कदम उठाया।

ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1957 में अमेरिका की मदद से शुरू हुआ था। फिर शाह के शासनकाल में इसका उद्देश्य शांतिपूर्ण ऊर्जा था। 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद अमेरिका ने इसका समर्थन करना बंद कर दिया और इसके बाद ही ईरान की परमाणु हथियारों को लेकर मंशा पर सवाल उठने लगे। 

ईरान ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें ईरान ने परमाणु हथियार न बनाने का वादा किया था। लेकिन ईरान ने यूरेनियम को उच्च स्तर तक संवर्धित कर दिया। इससे दुनिया की चिंताएं बढ़ गईं। 

यूरेनियम संवर्द्धन वह प्रक्रिया है जिसमें यूरेनियम-235 की मात्रा बढ़ाई जाती है। बिजली उत्पादन के लिए 3-5% संवर्द्धन पर्याप्त है, लेकिन परमाणु हथियारों के लिए 90% की आवश्यकता होती है। ईरान के पास उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं। इस मशीन की मदद से संवर्द्धन तेजी से किया जा सकता है।

ईरान का दावा है कि उसका कार्यक्रम केवल ऊर्जा के लिए है, लेकिन उच्च संवर्द्धन पर ईरान द्वारा लगाए गए अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण और प्रतिबंधों ने संदेह पैदा कर दिया है। इजरायल क्यों चिंतित है? इजरायली हमला क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। अगर ईरान परमाणु हथियारों की ओर बढ़ता है, तो मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है। यह वैश्विक समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति को भी खतरा हो सकता है।