हरियाणा में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी भाजपा और जजपा का गठबंधन टूट गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया है अब नायब सिंह सैनी राज्य के नए मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। इस पूरी कवायद को लोकसभा के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा-जजपा की सोची समझी रणनीति माना जा रहा है।
यह कहा जा रहा है आगामी चुनावों में खट्टर सरकार की एंटी इन्कमबेंसी से निपटने के लिए जजपा को मुहरा बनाया गया है। जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला अब गठबंधन से अगल होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे और सरकार से नाराज मतों का विभाजन कर भाजपा को पफायदा पहुंचाएंगे।
साथ ही यह कहा जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर अपना रोल निभा दुष्यंत चौटाला एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे। अभी गठबंधन टूटने का कारण लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में पेंच को बताया जा रहा है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सोशल मीडिया में इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा-जजपा की सोची समझी रणनीति बताया है। साथ ही कहा है कि हरियाणा की जनता इस रणनीति को समझ रही है और चुनाव में इसका जवाब भी देगी।
सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि हरियाणा में पूर्व निर्धारित “स्क्रिप्ट” के आधार पर हरियाणवीयों को जाति के बिभाजन में बाँट वोट बटोरने की “राजनीतिक सर्कस” शुरू हो गया है। साढ़े नौ साल की खट्टर सरकार की नाकामयाबी और नकारापन से बचने के लिए गठबंधन तोड़ने का ‘पूर्व निर्धारित ड्रामा’ चल रहा है। जजपा को अलग चुनाव लड़वाया जाएगा ताकी “वोट विभाजन” की नई बिसात बिछायी जाये।