Agni Veer Martyr: सियाचिन में देश के पहले अग्नि वीर की शहादत, सेना ने जवान के बलिदान को किया सलाम


स्टोरी हाइलाइट्स

Agni Veer Martyr: सियाचिन में ड्यूटी के दौरान महाराष्ट्र के अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण की मौत हो गई है. इसको लेकर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शोक जताया है.

Agni Veer Martyr: लद्दाख के सियाचिन में भारतीय सेना के अग्नि वीर जवान गावते अक्षय लक्ष्मण की आज शहादत हो गई है. वह लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्नि वीर जवान है. लक्ष्मण भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे.

शहीद अग्निवीर जवान

काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और हवा का सामना करना पड़ता है. ऐसी दुर्गम जगह पर ड्यूटी पर तैनात अग्नि वीर जवान लक्ष्मण की मौत हो गई.

सेना की लेह स्थित 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' ने आज इसकी जानकारी दी है. अग्नि वीर जवान लक्ष्मण की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा, बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक सियाचिन की कठिन ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्नि वीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. साथ ही शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, सेना ने बताया है कि उन्हें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के ग्लेशियर में तैनात किया गया था. सेना के सूत्रों ने बताया है कि शहीद जवान के पार्थिव शरीर को आज रविवार (22 अक्टूबर) को ही उनके घर भेजा जाएगा.

अग्नि वीर जवान लक्ष्मण मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उन्हें लेह मुख्यालय वाली भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में ही पहली तैनाती मिली थी. भारतीय सेना ने भी ट्विटर पर लिखा, जनरल मनोज पांडे (सीओएएस) और सेना के सभी रैंक के अधिकारी अग्नि वीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं. उन्होंने सियाचिन की सर्वोच्च ऊंचाइयों पर बलिदान दिया है. सेना बलिदानी जवान के परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में मजबूती से खड़ी है.

बता दें कि भारतीय सेना में पिछले साल जून 2022 में अग्नि वीर की नियुक्ति शुरू की गई थी. इसके तहत सेना में केवल जवानों की तैनाती होती है. इसमें किसी भी रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होती हैं.