शपथ लेते ही बदला मोदी के मंत्री का  मन, अब छोड़ना चाहते हैं पद..जानिए क्यों


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स्टोरी हाइलाइट्स

मंत्रीपद की शपथ ली और की पद छोड़ने की बात, मोदी के मंत्री ने बताई ये वजह..!!

रविवार को नरेंद्र मोदी के साथ कैबिनेट सदस्यों ने भी शपथ ली। मोदी कैबिनेट में 7 महिलाओं समेत 71 मंत्री शामिल किए गए हैं। केरल में पहली बार बीजेपी ने खाता खोला है और सुरेश गोपी को मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है। 

अब खबर सामने आई है, कि मोदी की सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले सुरेश गोपी ने संकेत दिया है कि उन्हें मंत्री पद नहीं चाहिए। अब जल्द ही उनकी कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। 4 जून को, जिस दिन चुनाव परिणाम आए, सुरेश गोपी अपनी जीत के संकेत सुनकर थोड़े चिंतित थे। उन्होंने कहा, 'मैं पूरी तरह से खुश नहीं हूं। जो बिल्कुल असंभव था वह 62 दिनों की अभियान प्रक्रिया नहीं थी, यह एक भावनात्मक यात्रा थी जो पिछले 7 वर्षों से चल रही है। सुरेश गोपी ने आगे कहा, मैं पूरी तरह से केरल के लिए काम कर रहा हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि वह एक सांसद के रूप में काम करना चाहते हैं और कैबिनेट पद नहीं चाहते हैं।

राजनेता ने त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से 2024 का संसदीय चुनाव जीता और केरल से पहले भाजपा लोकसभा सांसद के रूप में इतिहास रचा। चुनाव के दौरान केरल के लिए मोदी की गारंटी देने के बाद सुरेश गोपी मुख्य चेहरा बन गए। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। 65 वर्षीय अभिनेता ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सीपीएम उम्मीदवार वीएस सुनील कुमार को 74,686 वोटों से हराकर त्रिशूर संसदीय सीट जीती।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला चुनावी रोड शो पिछले साल दिसंबर में त्रिशूर में किया था और बाद में प्रधानमंत्री ने गुरुवयूर श्रीकृष्ण मंदिर में गोपी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए निर्वाचन क्षेत्र का एक और दौरा भी किया था।

गोपी की माने तो पद छोड़ने के पीछे उनकी कई फिल्मों का पेंडिंग होना है। साथ ही वह, सांसद बनकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। सुरेश गोपी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने केरल में बीजेपी से चुनाव लड़कर जीत दर्ज कराई है। त्रिशुर से चुने गए गोपी एक्टर भी हैं। सुरेश इससे पहले भाजपा से ही राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं।