आईएएस अधिकारी एवं शहडोल कमिश्नर रहे राजीव शर्मा के वीआरएस के मामले को लेकर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने राजीव शर्मा का वीआरएस मंजूर कर लिया है। विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने से पहले शहडोल कमिश्नर रहे शर्मा के मामले में ये फैसला लिया गया है।
शहडोल कमिश्नर रहते हुए आईएएस राजीव शर्मा ने 28 अगस्त 2023 को शासकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने हेतु आवेदन दिया था। इसके बाद 3 अक्टूबर को फिर उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को इसके लिए रिमाइंडर करते हुए आवेदन दिया था। राज्य शासन ने अखिल भारतीय सेवा नियम के अनुसार नोटिस अवधि तीन माह में छूट प्रदान करते हुए उन्हें 9 अक्टूबर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी है।
सीएस बैंस ने कहा है कि राजीव शर्मा एक साल तक किसी भी व्यावसायिक पद पर पदस्थ नहीं होंगे। शर्मा को शर्तों के आधार पर वीआरएस देने से उनके चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है। ऐसा माना जा रहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए ही सरकार से अनिवार्य स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। सरकार के फैसले के बाद इस चर्चा पर विराम लग गया है।
शर्मा का कहना है कि सभी उनके संपर्क में है भिंड के हित में जो अच्छा होगा वह निर्णय लूंगा। आगामी दो-तीन दिनों में अगली भूमिका की घोषणा करूंगा। वे क्षेत्र के किसानों को उन्नत खेती के तरीके तो बताएंगे ही साथ ही जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर हासिल करने और भिंड को पर्यटन स्थल में तब्दील करने के लिए भी प्रयास करेंगे। जरूरत पड़ी तो वे किसी राजनीतिक दल के आग्रह पर उनकी टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं ऐसे संकेत उन्होंने दिए हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सामान्य वर्ग के लिए काम करने वाले संगठन सपाक्स को खड़ा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अघोषित रूप से वे संगठन को समर्थन करते रहे हैं लेकिन शासकीय नौकरी में रहने के कारण वह खुलकर संगठन के साथ नहीं आए थे। अब वे निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।