मुकेश अंबानी ने गुरु दक्षिणा देते हुए मुंबई के ICT को 151 करोड़ रुपये दान किए


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स्टोरी हाइलाइट्स

इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी को मुकेश अंबानी का, ICT को बिना शर्त 151 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है..!!

रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑटोमोबाइल और मैनेजमेंट के निदेशक मुकेश अंबानी ने मुंबई के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT) को बिना शर्त 151 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने मुंबई में एक विशेष समारोह आयोजित करने की घोषणा की, जिसमें अंबानी ने शिक्षा और संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1970 के दशक में आईसीटी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले अंबानी ने इस अनुदान को अपनी 'गुरु दक्षिणा' कहा।

मुंबई में आयोजित एक समारोह में मुकेश अंबानी ने अपने शिक्षक और ICT के पूर्व निदेशक प्रोफेसर एमएम शर्मा को 'राष्ट्र गुरु' की उपाधि प्रदान की। उन्होंने कहा, “प्रोफेसर शर्मा के मार्गदर्शन में रिलायंस ने वैल्यू चेन में बैकवर्ड और फॉरवर्ड इंटीग्रेशन का अधिकांश काम हासिल किया, जिसकी बदौलत हम वैश्विक स्तर पर केमिकल इंडस्ट्री में अग्रणी बन गए।”

अंबानी ने कहा कि इस अनुदान का अनुरोध प्रोफेसर शर्मा ने किया था। भावुक होकर अंबानी ने कहा, "जब प्रोफेसर शर्मा कुछ कहते हैं, तो हम बस पढ़ते हैं, खड़े नहीं रहते। उन्होंने मुझसे कहा कि मुकेश, सुरक्षा आईसीटी के लिए कुछ बड़ा करना होगा।" 1933 में स्थापित आईसीटी, जिसे पहले यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (यूडीसीटी) के नाम से जाना जाता था, की स्थापना 1933 में हुई थी। 

यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित केमिकल टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। अपनी स्थापना के बाद से ICT ने केमिकल इंडस्ट्री, रिसर्च और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यूनिवर्सिटी की ओर से यह अनुदान संस्थान को मजबूत बनाने, आधुनिक रिसर्च सुविधाओं को विकसित करने और छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने में मदद करने के लिए दिया गया है। 

151 करोड़ रुपये का यह अनुदान बिना किसी शर्त के दिया गया है, यानी आईसीटी इसका अपनी इच्छानुसार इस्तेमाल कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका इस्तेमाल संस्थान के सुपरमार्केट, नए रिसर्च इंस्टीट्यूट और प्रोग्राम प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, यह आईसीटी को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत करने में मदद करता है। 

आईसीटी के जनक ने इस अवसर पर कहा, "मुकेश अंबानी का यह योगदान न केवल हमारी वित्तीय क्षमता को बढ़ाने के लिए है, बल्कि यह हमारे छात्रों और उपकरणों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए भी प्रेरित करता है। हम इस उद्यम के लिए उनके आभारी हैं।"

मुकेश अंबानी का आईसीटी से गहरा नाता है। 1970 के दशक में यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। रिलायंस आज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है और इसके रासायनिक और पेट्रोकेमिकल कारोबार को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। अपने भाषण में अंबानी ने इस बात पर जोर दिया कि आईसीटी में उनकी शिक्षा और प्रोफेसर शर्मा का मार्गदर्शन उनके उद्यमों और संबंधों में उनकी सफलता का आधार था।