रेल इंजन में अब बाहर भी कैमरा और अंदर भी ! जानिए क्या होगा फायदा?


Image Credit : twitter

स्टोरी हाइलाइट्स

सुरक्षित सफर के लिए सुरक्षा के तकाजे..!

ट्रेन में सुरक्षित सफर के लिये हाल में मिले कुछ सबकों के बाद रेल्वे तेजी से हरसंभव ऐहतियाती कदम उठाने की कोशिश में है। इस दिशा में अब इंजनों में कैमरे लगाने की शुरूआत भी हो गई है। यह आधुनिक तकनीक से युक्त कैमरे न सिर्फ पटरियों पर नजर रख रहे हैं, बल्कि इंजन की टक्कर से होने वाली दुर्घटनाओं से जुड़ी जानकारी भी इकट्ठा कर रहे हैं।

अफसरों का मानना है कि यदि दुर्घटना की जांच के दौरान यह जानकारी महत्वपूर्ण रहती है। जब इंजन से कोई वस्तु टकराती है तो सूचना कैमरे की मदद से सीधे रेलवे कंट्रोल तक पहुंचती है। इसके साथ ही इंजन के अगले हिस्सा में किसी तरह की खराबी आने या कोई भाग गर्म होने पर भी इन कैमरों की मदद से रेलवे कंट्रोल को सर्तक किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक हाल में जबलपुर रेलमंडल ने दो दर्जन से ज्यादा विद्युत इंजन में इन कैमरों को लगा दिया है। जल्द ही इनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

ब्लैक बाक्स से मिल रही मदद

बताया जा रहा है कि रेल इंजन के सामने लगाए गए ये कैमरे, ठीक हवाई जहाज में लगे ब्लैक बाक्स की तरह काम कर रहे हैं। जबलपुर रेल मंडल में ही जिन इंजनों में इन्हें लगाया गया है। उससे कोई भी वस्तु या जानवर आदि के टकराते ही उससे जुड़ी तस्वीर और सूचना कैमरे के स्टोर बाक्स में सुरक्षित हो रही है। इससे घटना की जांच में सही वजह पता लगाने में आसानी होती है। मंडल ने अपने सभी 500 इंजन में इन्हें लगाने की तैयारी की है क्योंकि पायलट प्रोजेक्ट कामयाब रहा है।

ड्राइवर की परेशानी भी!

हालाकि बताया यह भी जा रहा है कि रेलवे ने इंजन के बाहर के साथ अंदर भी कैमरे लगा दिए हैं। इससे ट्रेन संचालन करने वाले ड्राइवर और असि. ड्राइवर पर नजर रखने में सुविधा हो गई है लेकिन कैमरों ने ड्राइवर और लोको ड्राइवर का ही टेंशन बढ़ा दिया है। ड्राइवर के इंजन के सवार होने से लेकर उनके उतरने के दौरान उनकी हर हरकत को रिकार्ड हो जाती है। यहां तक कि यदि ड्राइवर मोबाइल पर बात करते हैं तो मोबाइल और अन्य लोगों से बातचीत भी रिकार्ड हो जाती है। लिहाजा रेल यूनियन ने आपत्ति भी दर्ज कराई है।