मोदी सरकार के बजट पर भड़के कांग्रेस अध्यक्ष, जानिए क्या कहा


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स्टोरी हाइलाइट्स

इस बजट में भयंकर बेरोज़गारी का हल ढूंढ़ने की कोई भी कोशिश नहीं की है..!

वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन ने आज मोदी सरकार का 5 वां बजट पेश किया। बजट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्कार्जुन खड़गे ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। खड़गे का कहना है, कि मोदी सरकार का बजट जनता का, भाजपा पर लगातार गिरते विश्वास का सबूत है। ये केवल चुनाव को ध्यान रखकर बनाया बजट है, देश को ध्यान में रखकर नहीं। इस बजट में भयंकर बेरोज़गारी का हल ढूंढ़ने की कोई भी कोशिश नहीं की है।

हर घर महँगाई है, आम इंसान की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं। बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे रोज़मर्रा की वस्तुओं के दामों में कोई भी कमी आये। आटा, दाल, दूध, रसोई गैस - सबका दाम बढ़ाकर मोदी सरकार ने देश को लूटा है !

उन्होंने आगे कहा अच्छे दिन, नौकरी बिन। जो बेरोज़गारी दर कांग्रेस - UPA के दौरान 2.2% था, वो अब 8% हो गया है। यानि करीब 6 करोड़ युवा बेरोज़गार हैं। 18 करोड़ नई नौकरियाँ देनी थी 9 सालों में, मोदी सरकार ने करोड़ों नौकरियाँ छीन ली गई हैं।

सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 30 लाख पद ख़ाली हैं, पर मोदी जी कुछ ही हज़ार नौकरी पत्र बाँट रहें हैं। इस बजट में दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं है। उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक भी क़दम नहीं है। मनरेगा का बजट ₹38,468 Cr कम कर दिया। तो अब ग़रीबों का क्या होगा ? शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में कोई बढ़ावा नहीं है, इसमें कमी है।

किसान विरोधी, नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया है। 2022 में किसानों की आय डबल करने का वादा किया था, उसको पूरा क्यों नहीं किया ? MSP गारंटी कहाँ है ? किसानों की अनदेखी चालू है।

हर घर महंगाई ने किया रसोई का बजट बिगाड़कर रख दिया है, हर व्यक्ति पर ₹1 लाख से ज़्यादा का क़र्ज़ है। जो गैस सिलिंडर कांग्रेस के वक़्त ₹410 का मिलता था, अब वो ₹1100 का मिलता है। एक साल में आटा 40% तक महँगा हो गया है। 8 सालों में दूध के दामों में ₹16 की बढ़ोत्तरी हो गई है। जरूरत की हर चीज़ पर 5% या उससे अधिक GST टैक्स देना पड़ता है।

बैंकिंग सेक्टर को मोदी सरकार ने बर्बाद कर दिया है। भगौड़े देश लूट कर भाग गए हैं। 3 लाख करोड़ के Wilful Defaulters हैं। बैंकों पर 36 लाख करोड़ का NPA Slippage है। पर बजट में कोई उपाय नहीं बताया गया है ! SBI और LIC को जो जोखिम में डाला जा रहा है, उसपर एक शब्द नहीं है।

रोजाना 115 मज़दूर ख़ुदकुशी करने पर मजबूर हैं । रोज़ाना 63 हाउस वाइफ्स आत्महत्या करती हैं। 2015 से 2021 के बीच दलितों के ख़िलाफ़ होने वाले आपराधिक मामले 13% बढ़े हैं और आदिवासियों के ख़िलाफ़ होने वाले आपराधिक मामलों में 40% की बढ़ौतरी हुई है।

कुल-मिलाकर मोदी सरकार ने — देश की जनता का जीवन दुश्वार किया है। देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुँचाई है। देश की संपत्ति को लूटने के अलावा मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया है। इस बजट को ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे बजट’ कहेंगे।

किसान? किसानों के लिये 3 काले क़ानून लाये। उन्हें 50% Cost + MSP नहीं दिया। लखीमपुर में कुचला । 2022 तक आय दोगुनी करनी थी पर पिछले 5 साल में सालाना 1.5% आय कम हुई ये नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है। 

फ़सल बीमा योजना से केवल बैंकिंग सेक्टर ? ₹311,087.86 Cr (3 लाख करोड़ से ज़्यादा) का विलफुल डिफॉल्टर्स का बकाया । ₹36,34,049 Cr (6 वर्षों में 36 लाख करोड़) के NPA स्लिपेज LIC,SBI और अन्य नेशनल बैंकों का पैसा जोखिम में है। प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।