ICMR Study on Covid: कोविड-19 महामारी के बाद केंद्र सरकार ने लोगों की जान बचाने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया. देश में लोगों को वैक्सीन की 2 अरब से ज्यादा खुराकें दी गईं. लेकिन, पिछले एक से डेढ़ साल के भीतर देश में हार्ट अटैक से जान गवाने वाले मामलों की खंख्या तेजी से बढ़ी हैं. जिसमें काफी ज्यादा युवा भी शामिल हैं.
पुराने मामले देखें तो युवाओं में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. ऐसे में इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि कहीं इसके पीछे की वजह कोविड वैक्सीन तो नहीं है. हालांकि, अब आईसीएमआर ने अपनी एक रिपोर्ट के जरिये जवाब जारी कर दिया है.
आईसीएमआर ने हाल ही में एक स्टडी की है. इसमें इस सवाल का जवाब मांगा गया था कि क्या कोविड वैक्सीन और अचानक मौत के बीच कोई संबंध है? आईसीएमआर ने रिपोर्ट के जरिए बताया कि भारत में युवाओं में कोविड-19 वैक्सीन से अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है. स्टडी में कहा गया है कि कोविड-19 के दौरान अस्पताल में भर्ती होने, परिवार में अचानक मौत के पिछले मामलों और जीवनशैली में बदलाव से अचानक मौत का खतरा बढ़ा है.
स्टडी में मिली ये अहम जानकारी-
आईसीएमआर की स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन से अचानक मौत का कोई संबंध नहीं है. इसमें कहा गया है कि अगर किसी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई है तो कोरोना वायरस से मरने का जोखिम कम हो जाता है.
स्टडी के मुताबिक, कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का इतिहास, अचनाक मौत का पारिवारिक इतिहास, मौत से पहले 48 घंटे तक शराब पीना, ड्रग्स लेना या फिर मौत से 48 घंटे पहले जबरदस्त एक्सरसाइज करना, ये कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जिनके अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है.
बता दें कि यह स्टडी 1 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 तक के मामलों को ध्यान में रखते हुए की गई हैं. इसमें देशभर के 47 अस्पतालों को शामिल किया गया था. स्टडी में 18 से 45 साल की आयु के लोगों को शामिल किया गया जो स्पष्ट रूप से स्वस्थ थे. उनमें से कोई भी किसी पुरानी बीमारी से जूझ नहीं रहा था. स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों को टीके की दो खुराक मिलीं हैं, उनमें अचानक मृत्यु का जोखिम काफी कम था.