भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 लॉन्च करके इतिहास रच दिया। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से आदित्य एल-1 को लॉन्च किया गया। इसरो के सौर मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग देखने के लिए श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी इसरो के इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
आदित्य एल-1 मिशन मौसम की गतिशीलता, सूर्य के तापमान, पृथ्वी पर पराबैंगनी किरणों के प्रभाव और ओजोन परत का अध्ययन करेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य के अध्ययन से मौसम पूर्वानुमान की सटीकता भी बढ़ेगी। इससे एक ऐसा सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी जिसके जरिए तूफ़ान की जानकारी तुरंत मिल सकेगी और अलर्ट जारी किया जा सकेगा।
यह भारत का पहला सौर मिशन है। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के कोरोना के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथार्थवादी अध्ययन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह जगह धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। लैग्रेन्जियन पॉइंट-1 (एल1) तक पहुंचने में मिशन को लगभग चार महीने लगेंगे। लैग्रेंजियन बिंदु-1 वह स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बराबर होता है।