नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर तत्काल रोक की मांग को लेकर एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है।
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एनआरसी का मुद्दा भी उठाया है। एआईएमआईएम चीफ ने कोर्ट से कहा कि सीएए के बाद देश में एनआरसी आ रहा है और ये दोनों का अपवित्र गठजोड़ है। एनआरसी के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की योजना है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि सीएए से उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है।
उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि निर्देश जारी करें कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी (क्योंकि यह नागरिकता द्वारा संशोधित है).