'हम सभी लोगों में प्यार और शांति वापस लाएंगे'- PM मोदी के बयान पर राहुल गांधी का जवाब


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स्टोरी हाइलाइट्स

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पीएम मोदी को जवाब दिया है..!

मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में लगातार हंगामा जारी है, विपक्ष इस मामले पर मोदी सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष जानबूझकर इस मामले पर चर्चा नहीं होने दे रहा है। इसी बीच बीजेपी के संसदीय दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की तुलना इंडियन मुजाहिदीन, PFI और ईस्ट इंडिया कंपनी से की है।

अब इस मसले को लेकर विपक्षी नेता पीएम मोदी को जवाब दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और  राहुल गांधी ने पीएम मोदी को जवाब दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी के कटाक्ष पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि हम भारत हैं। हम मणिपुर में भारत के विचार को फिर से बनाएंगे।

' राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, "मोदी जी, आप जो चाहें हमें बुलाएं। हम भारत हैं। हम मणिपुर को ठीक करने में मदद करेंगे और हर महिलाओं और बच्चों के आंसू पोंछेंगे। हम सभी लोगों में प्यार और शांति वापस लाएंगे। हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे।"

राहुल गांधी से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पीएम मोदी को जवाब दिया था। उन्होंने कहा, "हम मणिपुर की बात कर रहे हैं, प्रधानमंत्री सदन के बाहर 'I-N-D-I-A' को 'ईस्ट इंडिया कंपनी' कह रहे हैं! कांग्रेस पार्टी हमेशा 'मदर इंडिया' यानी 'भारत माता' के साथ खड़ी रही है। अंग्रेजों के गुलाम बीजेपी के राजनीतिक वंशज थे। प्रधानमंत्री मोदी को अपनी बयानबाजी से देश का ध्यान भटकाना बंद करना चाहिए।"

पीएम मोदी ने क्या कहा?

दरअसल, विपक्षी दलों के हंगामे के बीच बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस' (-N-D-I-A) को देश का अब तक का सबसे 'दिशाहीन' गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों से संगठन की तुलना की और कहा कि सिर्फ देश के नाम का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष के व्यवहार का जिक्र किया और कहा कि उनके व्यवहार से पता चलता है कि उन्होंने आने वाले कई वर्षों तक विपक्ष में रहने का फैसला किया है।