सुप्रीम कोर्ट "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" तक सार्वजनिक पहुंच को अवरुद्ध करने के केंद्र के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 3 फरवरी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" तक सार्वजनिक पहुंच को अवरुद्ध करने के अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार को नोटिस जारी किया।
जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने केंद्र सरकार को सुनवाई की अगली तारीख पर आदेश से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया, जो अप्रैल 2023 में होगा। पीठ पत्रकार एन राम, एडवोकेट प्रशांत भूषण और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा संयुक्त रूप से दायर एक याचिका और एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार कर रही थी, इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया।
आपको बतादें, कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 21 जनवरी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के पहले एपिसोड के कई यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। डॉक्यूमेंट्री पर यूजर्स के ट्वीट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया था।