तमिलनाडु में बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा के कथित फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।
पटना बेऊर में रिहाई के लिए आवश्यक कागजात मिल जाने के बाद शनिवार दोपहर करीब सवा 12 बजे वे जेल से बाहर आ गए। जेल से बाहर निकलने पर उनके समर्थकों ने फूल-माला पहना कर स्वागत किया। बेऊर जेल के बाहर बड़ी संख्या में मनीष कश्यप के समर्थक पहुंचे थे।
जेल से बाहर आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मनीष कश्यप ने कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं। कुछ लोग सोच सकते हैं कि अगर वे डर जाएंगे और पत्रकारिता छोड़ देंगे तो ऐसा नहीं होगा।
मनीष कश्यप 9 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने मनीष के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की। इसके बाद मनीष कश्यप पर लगातार शिकंजा कसा गया।
मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु में 6 और बिहार में 7 मामले दर्ज हैं। यूट्यूबर मनीष कश्यप ने तमिलनाडु सरकार के एनएसए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। तमाम बहस और चर्चा के बाद आखिरकार मनीष को राहत मिल गई। उम्मीद थी कि उन्हें शुक्रवार तक जेल से रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के कारण कल उनकी रिहाई नही हुई।