NEET-UG रिजल्ट को HC में चुनौती, भोपाल-जबलपुर की छात्राओं ने दायर की याचिका; NSUI की CBI जांच की मांग


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स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल की निशिता सोनी ने NEET-UG रिजल्ट के खिलाफ याचिका दायर की है..!!

देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुए नेशनल इलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट फॉर यूजी (NEET-UG) टॉप 13 छात्रों के रोल नंबर आसपास के होने के कारण बवाल बढ़ता ही जा रहा है। भोपाल और जबलपुर की दो छात्राओं ने रिजल्ट पर सवाल उठाते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। छात्राओं ने NEET-UG कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के रिजल्ट को गलत ठहराया है। इधर, एनएसयूआई ने भोपाल में प्रदर्शन कर रिजल्ट की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

नीट परीक्षा परिणाम में कम अंक आने पर भोपाल की अभ्यर्थी छात्रा निशिता के मुताबिक एनटीए की आंसर-की से रिस्पोंड शीट का मिलान करने पर उन्हें 617 नंबर मिल रहे हैं, लेकिन रिजल्ट में 340 अंक ही आए, जिससे साफ पता चलता है, कि रिजल्ट में कुछ गडबड़ी हुई है। निशिता ने 7 जून को याचिका दायर की।

आपको बता दें, गंभीर आरोपों के बीच मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) के नतीजे हाल ही में घोषित किए गए हैं। NEET-UG की परीक्षा देशभर में 5 मई को आयोजित की गई थी और 4 जून को नतीजे घोषित होने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी सवालों के घेरे में है।

निशिता का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी को ईमेल कर परीक्षा परिणाम की समीक्षा का अनुरोध किया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

निशिता ने कहा कि एनटीए ने 30 मई को मेरे मेल पर एक रिस्पॉन्स शीट भेजी। रिस्पॉन्स शीट वही ओएमआर शीट है जिसमें परीक्षा दी गई है, जब मैंने इसे उत्तर कुंजी से जांचा तो परिणाम बिल्कुल अलग था। परीक्षा में 200 में से 180 प्रश्न हल करने होंगे। मैंने 178 प्रश्नों के उत्तर दिए, जिनमें से 159 सही थे और 19 गलत थे। सही उत्तर पर चार अंक मिलते हैं, जबकि गलत उत्तर पर एक अंक काटा जाता है। ऐसे में कुल मिलाकर मुझे 617 अंक मिलने चाहिए, लेकिन परीक्षा परिणाम में मुझे केवल 340 अंक दिए गए हैं। फिलहाल एनटीए भी नॉर्मलाइजेशन की बात कर रहा है, लेकिन NEET परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन जैसा कुछ हुआ ही नहीं है।

NEET-UG परीक्षा नतीजों को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। जिसमें 67 छात्रों ने टॉप किया है। कई छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किये हैं। इसका पेपर 720 अंकों का होता है और इसलिए प्रत्येक प्रश्न चार अंक का होता है। सही उत्तर के लिए चार अंक और गलत उत्तर के लिए एक अंक की नेगेटिव मार्किंग है। ऐसी स्थिति में, यदि कोई सभी प्रश्नों का उत्तर सही देता है तो उसे 720 अंक मिलते हैं और यदि कोई एक प्रश्न छोड़ देता है तो उसे 716 अंक मिलते हैं और यदि कोई एक प्रश्न का गलत उत्तर देता है तो उसे 715 अंक मिलते हैं। 

ऐसे में सवाल ये है कि फिर बच्चों को 718 और 719 नंबर कैसे मिल गए। इसके अलावा एक ही सेंटर से 13 टॉपर्स निकलने पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ छात्रों ने NEET-UG परीक्षा 2024 को दोबारा आयोजित कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने 5 मई को हुई परीक्षा रद्द करने की भी मांग की है।

विवाद बढ़ने पर एनटीए ने 718 और 719 अंक हासिल करने वाले छात्रों के बारे में कहा कि जब परीक्षा हुई तो कुछ छात्रों को पेपर देर से मिला और इस वजह से उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए। यह अंतर केवल ग्रेस मार्क्स के कारण ही दिखाई देता है। कई जगहों पर परीक्षा में समय बर्बाद हुआ और कुछ जगहों पर पेपर 20 मिनट तक की देरी से पहुंचे, जिसकी शिकायत बच्चों ने एनटीएस से की और उसके बाद यहां ग्रेस मार्क्स दिए गए।

जबकि 67 टॉपर्स पर यह तर्क दिया गया कि इसके पीछे का कारण परीक्षा का आसान होना हो सकता है। इस बार नामांकन बढ़ा है. बड़ी संख्या में बच्चों ने परीक्षा दी, जिसके चलते परिणाम इस प्रकार रहा और बड़ी संख्या में बच्चे परीक्षा में सफल हुए।