भोपाल: राज्य सरकार ने स्थानीय निकायों में राजस्व अनुशासन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रदेश की सभी जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के अंतर्गत वस्तुओं अथवा सेवाओं की आपूर्ति करने वाले प्रदाताओं के देयकों का भुगतान करने से पूर्व स्रोत पर ही जीएसटी की कटौती अनिवार्य रूप से करनी होगी।
इस संबंध में संचालक पंचायत छोटे सिंह द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को विस्तृत निर्देश जारी किए गये हैं। निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि स्रोत पर जीएसटी की अनिवार्य कटौती नहीं होने से न केवल वित्तीय नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि कर अपवंचन में वृद्धि होती है और राज्य के राजस्व को भी क्षति पहुँचती है।
सभी पंचायतों को जीएसटी डिडक्टर के तौर पर पंजीकृत कराया जाएगा। वहीं, वस्तु या सेवा प्रदाताओं को भी पोर्टल पर विधिवत जीएसटीएन के साथ पंजीयन अनिवार्य होगा।
पंचायतों को प्राप्त होने वाले बिलों में सामग्री/सेवा का नाम, संख्या, दर और कुल राशि
वैध जीएसटीएन एवं पैन नंबर,
लागू सीजीएसटी, एसजीएसटी या आईजीएसटी,
बैंक विवरण,
बिल प्रदाता के हस्ताक्षर व पदमुद्रा उल्लेखित होना आवश्यक है।
यदि किसी बिल में कर का उल्लेख नहीं भी है, तब भी पंचायतों को स्रोत पर 2 प्रतिशत जीएसटी अवश्य कटौती करना होगा। सभी ग्राम पंचायतों को टीडीएस कटौती एवं रिटर्न जमा करना अनिवार्य है। इस व्यवस्था को जल्द ही पंचायत दर्पण पोर्टल पर भी एकीकृत किया जाएगा।
डॉ. नवीन आनंद जोशी