रंगमंच पर अपने अभिनय का कमाल दिखाने वाले अनुभवी थिएटर अभिनेता, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के स्वर्ण पदक विजेता और मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा (MPSD) के पूर्व निदेशक आलोक चटर्जी का मंगलवार तड़के निधन हो गया। इस बात की जानकारी सिग्मा उपाध्याय ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है।
अपने पोस्ट में सिग्मा ने लिखा कि बहुत दुख के साथ हमें यह बताना पड़ रहा है कि देश के दिग्गज थिएटर आर्टिस्ट और एक्टिंग गुरु आलोक चटर्जी सर अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने सुबह 3 बजे अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्होंने यह भी लिखा कि आलोक चटर्जी की पत्नी शोभा चटर्जी ने भी उनके निधन की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि आलोक चटर्जी लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनके शरीर में संक्रमण फैल गया। इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के दमोह में रहने वाले मशहूर थिएटर आर्टिस्ट आलोक चटर्जी कई मशहूर नाटकों का हिस्सा रहे। उन्होंने विलियम शेक्सपियर के नाटक 'ए मिडसमर नाइट्स ड्रीम' का निर्देशन किया था। इसके अलावा उन्होंने आर्थर मिलर के नाटक 'डेथ ऑफ ए सेल्समैन' का निर्देशन और अभिनय भी किया। विष्णु वामन शिरवाडकर के प्रसिद्ध नाटक 'नट सम्राट' में उनके अभिनय को काफी सराहना मिली, जबकि 'शकुंतला की रिंगी', 'स्वामी विवेकानंद' और 'अनकहे अफसाने' उनके प्रमुख नाटकों में से हैं।
दमोह में जन्मे चटर्जी अभिनेता ओम पुरी के बाद एनएसडी से स्वर्ण पदक से सम्मानित होने वाले दूसरे अभिनेता हैं। दमोह में 8वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद चटर्जी जबलपुर चले गए और वहां से भोपाल चले आए, जिसके बाद उन्होंने नई दिल्ली से NSD से डिग्री प्राप्त की। वह मशहूर अभिनेता इरफान खान की सहपाठी रह चुके हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान आलोक दा ने कहा था कि मैं थिएटर आर्टिस्ट बनने के लिए दिल्ली एनएसडी गया था। अगर मुझे फिल्मों में जाना होता तो मैं फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे में एडमिशन ले लेता।' मैं अपना जीवन थिएटर के लिए जीता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने एनएसडी का नमक खाया है, इसलिए थिएटर मेरे खून में है। मैं कोई बिकाऊ कलाकार नहीं हूं।
आलोक चटर्जी को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्वर्ण पदक मिला। उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वर्ष 2019 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय रहे आलोक चटर्जी मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक भी रहे।