Paris Paralympics 2024: तीरंदाज हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास...पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड पर निशाना, पीएम ने दी बधाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीत लिया है, पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार तीरंदाजी में गोल्ड मैडल जीता है..!!

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन जारी हैं। इसी कड़ी में तीरंदाज हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीत लिया है। पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार तीरंदाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 4 सितंबर (बुधवार) को मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन के फाइनल मे 33 वर्षीय हरविंदर ने पोलैंड के लुकाज सिजेक को 6-0 से हराया। मौजूदा पैरालंपिक गेम्स में भारत का ये चौथा गोल्ड मेडल है। हरविंदर के गोल्ड मेडल के साथ ही भारत के पदकों की संख्या अब 22 हो गई है। भारत अब तक 4 गोल्ड, 7 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है।

हरविंदर सिंह ने चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई को 7-3 से पराजित करने के बाद प्री क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया के सेतियावान सेतियावान को 6-2 से हराया था। फिर उन्होंने क्वार्टरफाइनल में कोलंबिया के हेक्टर जूलियो रमीरेज को 6-2 से शिकस्त दी। फिर हरविंदर ने सेमीफाइनल में ईरान के प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराकर फाइनल में एंट्री की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोल्ड मेडलिस्ट हरविंदर सिंह को बधाई दी है। पीएम मोदी ने अपने X  हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'पैरा तीरंदाजी में एक बहुत ही खास स्वर्ण पदक। पैरालंपिक 2024 में मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए हरविंदर सिंह को बधाई। उनकी सटीकता, फोकस और अटूट भावना शानदार है। भारत उनकी उपलब्धि से बहुत खुश है।'

हरियाणा के अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब 1.5 साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। शुरूआती चुनौतियों के बावजूद वह तीरंदाजी में आ गए और 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण में सातवें स्थान पर रहे।

फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। हरविंदर ने तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया क्योंकि यह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हैं।