संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) ने विवादों में घिरी प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की है और उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है। साथ ही खेडकर को भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने से भी रोक दिया गया है। दिल्ली की अदालत खेड़कर की अग्रिम जमानत अर्जी पर 1 अगस्त को अपना फैसला सुना सकती है।
आयोग ने सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने के बाद पूजा खेडकर के खिलाफ यह कार्रवाई की है। उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। मालूम हो कि इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग ने संकेत दिया था कि अगर पूजा खेडकर मामले में दोषी पाई गईं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पता चला है कि धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत 1 अगस्त को अपना फैसला सुना सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जांगला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर याचिका पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर यूपीएससी सीएसई परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई। उनका चयन रद्द करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है और भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने से भी रोक दिया गया है।