पतंजलि की दवाइयों के भ्रामक प्रचार मामला बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ी SC ने किया तलब


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स्टोरी हाइलाइट्स

कोर्ट ने यह आदेश पतंजलि आयुर्वेद के कथित झूठे दावे वाले विज्ञापन को लेकर दिया है..!!

पतंजलि की दवाइयों के भ्रामक प्रचार के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, कि अगली सुनवाई के दौरान दोनों कोर्ट के सामने पेश हों। कोर्ट की अवमानना के मामले में नोटिस का जवाब नहीं देने पर नाराज कोर्ट ने दोनों को व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया है।

कोर्ट ने बाबा रामदेव को दो हफ्ते बाद कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट में पेश न होने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें परिणाम भुगतना होगा। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव को नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब किया था। 

27 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण और रामदेव से तीन हफ्ते में जवाब मांगा था। इसके साथ ही भ्रामक विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई थी। लेकिन कोर्ट को रामदेव और बालकृष्ण की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकील मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के वकील मुकुल से पूछा कि उन्होंने अब तक जवाब क्यों नहीं दाखिल किया। अब आपके मुवक्किल को अदालत में पेश होने के लिए कहा जाएगा। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब हम रामदेव को भी वादी बनाएंगे और दोनों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहेंगे।इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को भी झटका दिया और पूछा कि एक दिन पहले जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कोर्ट से कहा कि जवाब और नया शपथ पत्र दाखिल करने के लिए और समय चाहिए। कोर्ट ने रामदेव को भी नोटिस भेजा है और पूछा कि क्यों न इस मामले को अदालत की अवमानना के तहत चलाया जाए। 

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों में उसके उत्पादों के जरिए एलोपैथिक दवा जैसे प्रभाव का झूठा दावा किया जा रहा है। 

आपको बता दें कि रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को उसके उत्पादों और उनके औषधीय प्रभावों के बारे में दावे करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे पहले (27 फरवरी 2024) को भी बयानों पर कड़ी फटकार लगाई गई थी।