हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात हुई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के ऊपरी हिस्सों में बादल फटने से तबाही मची है। इन जिलों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण करीब 22 लोगों के लापता होने की खबर है। भारी बारिश के कारण सड़कें भी बंद हो गई हैं।
शिमला के रामपुर में बादल फटने से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी क्षति और जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात कर जानकारी ली और केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
आपको बता दें कि राज्य की राजधानी शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के झाकारी क्षेत्र में समाज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास आधी रात को बादल फटने से आई बाढ़ से अफरा-तफरी मच गई और 19 लोग लापता हो गए। इसी तरह, मंडी जिले की चौहार घाटी के टिक्कन थल्टू कोड में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और खुद को बचाने के लिए जंगल की ओर भागे लोगों में से लगभग तीन लोगों के लापता होने की सूचना है। मंडी के जिलाधिकारी अपूर्व देवगन राहत एवं बचाव कार्य के लिए रवाना हो गए हैं।
हालांकि भारी बारिश के कारण सड़कें भी अवरुद्ध हैं। शिमला के रामपुर में बादल फटने से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। समाज खड्ड में बीती रात आई बाढ़ ने आसपास के गांवों में तबाही मचा दी। गुरुवार सुबह बादल फटने की सूचना मिलने के बाद उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी भी वहां से रवाना हो गए हैं। एसडीआरएफ की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र से 19 लोगों के लापता होने की सूचना है। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर मौके पर पहुंच रहे हैं। कई स्थानों पर सड़क अवरुद्ध होने के कारण उन्हें अपने उपकरणों के साथ दो किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ी। अनुपम कश्यप ने बताया कि राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है।
रेस्क्यू टीम में आईटीबीपी और स्पेशल होम गार्ड दस्ते को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी टीमें मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन में काम कर रही हैं। बचाव अभियान में एंबुलेंस समेत सभी बुनियादी सुविधाएं शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें पुलिस, होम गार्ड, फायर ब्रिगेड, सुन्नी बांध प्रबंधन और अन्य विभाग शामिल हैं।
बादल फटने से श्रीखंड की पहाड़ियों में बाढ़ आ गई, साथ ही शिमला के रामपुर क्षेत्र से सटे कुल्लू जिले में भी तबाही मची। जानकारी के मुताबिक, श्रीखंड की पहाड़ियों में बादल फटने से कुर्पन, समेज और गानवी खड्ड में भीषण बाढ़ आ गई, जिससे तबाही का मंजर देखने को मिला।
करीब 2 दर्जन घर और कई गाड़ियां बहने की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल की इमारत और अस्पताल भी बाढ़ में बह गए. भूस्खलन से शिमला जिले के गानवी बाजार और कुल्लू जिले के बागीपुल बाजार में भी तबाही मची और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। श्रीखंड की पहाड़ियों पर नैन झील के आसपास बादल फटने से तीन खाइयों यानी छोटी नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ गया, जिसने नीचे आकर बाढ़ का रूप ले लिया। मलाणा परियोजना बांध 2 भी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में 5 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के मुताबिक, 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति में सामान्य से 79 फीसदी कम, किन्नर में 49 फीसदी, ऊना में 47 फीसदी, चंबा में 45 फीसदी, हमीरपुर में 41 फीसदी, सिरमौर में 44 फीसदी, सोलन में 43 फीसदी, बिलासपुर और कुल्लू में 31 फीसदी, कांगड़ा में 15 फीसदी ,मंडी में 17 फीसदी और शिमला में 14 फीसदी कम बारिश हुई है।
राज्य के आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, राज्य में मानसून के मौसम के दौरान बारिश और भूस्खलन के कारण 114 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिनमें से 19 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 95 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा पांच दुकानें और 87 पशुशालाएं भी नष्ट हो गईं।
राज्य में मानसून सीजन में 433 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. जिसमें लोक निर्माण विभाग को 189 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले एक महीने में राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 131 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें 66 लोगों की सड़क हादसों में जान चली गई। जबकि 65 मौतें ऊंचाई से गिरने, डूबने, करंट में गिरने, करंट लगने और सांप के काटने से हुई हैं।