संभल हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के डीएनए को लेकर बयान दिया। सीएम योगी के इस बयान के बाद पूरे देश में सियासी पारा गर्मा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के डीएनए वाले बयान को लेकर विपक्ष हमलावर है। विपक्षी सीएम योगी के डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम को अपना डीएनए टेस्ट कराना चाहिए, फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी उनके बयान पर सवाल उठाए।
इस पूरे सिनेरियो के बीच बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सीएम योगी के डीएनए वाले बयान पर सभी विपक्षी नेताओं को जवाब दिया। उन्होंने कहा, कुछ लोग सांप्रदायिक दंगों में राजनीतिक लाभ भी तलाशते हैं।
भारतीय जनता पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर पहुंचे। यहां पर उन्होंने मीडिया को कई अहम सवालों के जवाब दिए। संभल की जामा मस्जिद पर हरिहर मंदिर के दावे और फिर अजमेर शरीफ के अधीन दरगाह के दावे पर उठाए गए सवाल पर उन्होंने खुलकर अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की सांप्रदायिक बुराइयों को हराने के लिए हमारी सौहार्द की ताकत जरूरी है। समाज के आपसी ताने-बाने को एकजुट होकर मजबूत करने की जरूरत है। कुछ विदेशी आक्रमणकारियों के आपराधिक, सांप्रदायिक और क्रूर कृत्यों का दोष आज की पीढ़ी पर नहीं लगाना चाहिए और न ही आज की पीढ़ी की आस्था पर हमला करना चाहिए, बल्कि हमें समाज में मजबूती और एकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम योगी जी का DNA दंगाइयों की कुटाई बलवाइयों की ठुकाई वाला है जिसको योगी जी के डीएनए में खोट नजर आता है वो उनकी नियत पर सवाल खड़ा करते हैं।
मीडिया से बात करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमें सांप्रदायिक झगड़े में राजनीतिक लाभ लेने की साजिश रचने वाले सिंडिकेट के सांप्रदायिक सद्भाव से सावधान रहना होगा। कुछ लोग सांप्रदायिक दंगों में राजनीतिक लाभ भी तलाशते हैं, आज देश में सौहार्द की ताकत से सभी तरह की सांप्रदायिक ताकतों को हराने की जरूरत है।
कुछ विदेशी हमलावरों के आपराधिक, सांप्रदायिक और क्रूर कृत्यों की जिम्मेदारी आज की पीढ़ियों पर नहीं डाली जानी चाहिए, बल्कि एकता के आधार पर समाज को एकजुट और मजबूत करने की जरूरत है। एक समाज के तौर पर हमें सोहार्ट की ताकत के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और अपराध बढ़ रहे हैं, उससे एक बात तो साफ है कि बांग्लादेश के निज़ाम ने बांग्लादेश की व्यवस्था को कट्टरपंथी बना दिया है। ऐसी ही एक ताकत है अल कायदा जैसे संगठनों से जुड़ी तालिबानी मानसिकता, जो बांग्लादेश को आतंकवाद और अलगाववाद की राह पर ले जाने की साजिश में लगी हुई है।
बांग्लादेश के लोगों के मूल्य, लोगों की संस्कृति, लोगों की सोच। आज की स्थिति और माहौल में ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। बांग्लादेश समाज के लोगों को भी ऐसी ताकतों और ऐसी साजिशों और साजिशों के खिलाफ डटकर खड़ा होना चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक धार्मिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि रोजगार और नौकरियां बीजेपी के एजेंडे में नहीं हैं, मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि रोजगार भी बीजेपी के एजेंडे में है, नौकरियां भी हैं और समावेशी विकास भी बीजेपी के एजेंडे में है।
क्या आप मस्जिदों में मज़ार ढूंढ रहे हैं? इस बारे में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि, मैंने शुरू में ही कहा था कि सांप्रदायिक दंगों में भी राजनीतिक मदद लेने की सांप्रदायिक साजिश से सावधान रहने की जरूरत है। चाहे सांप्रदायिक संक्रमण कहीं से भी आ रहा हो, वह समाज के सौहार्द के ताने बाने को छिनभिन करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।