Rudraprayag Bus Accident: अलकनंदा नदी में गिरी बस, 3 की मौत, 10 लापता, तलाश जारी


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

Rudraprayag Bus Accident: बद्रीनाथ जा रही यात्रियों से भरी बस अचानक सड़क से फिसलकर अलकनंदा नदी में गिर गई..!!

Rudraprayag Bus Accident: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चारधाम यात्रा के दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां बद्रीनाथ जा रही यात्रियों से भरी बस अचानक सड़क से फिसलकर अलकनंदा नदी में गिर गई। इस भीषण हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि 10 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।

शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, बस में कुल 20 लोग सवार थे, जो ऋषिकेश से बद्रीनाथ जा रहे थे। जब बस घोलथिर नामक स्थान पर एक तीखे मोड़ से गुजर रही थी, तो अचानक ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बस सीधे नीचे उफनती अलकनंदा नदी में जा गिरी। रिपोर्ट के मुताबिक, बस में सवार लोग राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के थे। ड्राइवर की पहचान हरिद्वार निवासी के रूप में हुई है।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। अब तक 7 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जिनमें से 6 यात्रियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाव दल ने गोताखोरों और मोटर बोट की मदद से नदी में तलाशी अभियान तेज कर दिया है, लेकिन खराब मौसम और तेज बहाव के कारण काम में बाधा आ रही है।

मौके से जो वीडियो सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। स्थानीय लोग और जवान मानव श्रृंखला बनाकर यात्रियों को पहाड़ी पर खींचते नजर आए। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था और चीख-पुकार की आवाजें घटना की भयावहता को बयां कर रही थीं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “रुद्रप्रयाग जिले में एक टेंपो ट्रैवलर के नदी में गिरने की खबर बेहद दुखद है। एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है। मैं स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं। मैं ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।”

हादसे से एक दिन पहले ही भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। पहाड़ों में फिसलन भरी और तेज बहाव वाली नदियां पहले से ही खतरे की घंटी बजा रही थीं। इस हादसे ने एक बार फिर मानसून के मौसम में पहाड़ी सड़कों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।