सेटेनिक वर्सेज पर सबसे पहले भारत में लगा बैन, बेखबर थे PM राजीव गांधी! 


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स्टोरी हाइलाइट्स

33 साल बाद सलमान रुश्दी की किताब पर फिर हंगामा. कहा जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को ही किताब पर भारत के बैन के बारे में पता नहीं था. कट्टरपंथियों में नाराजगी इस कदर थी कि मजहब के स्वयंभू ठेकेदारों ने रश्दी के खिलाफ मौत का परवाना निकाल दिया..!

भारतीय मूल के जाने माने ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी न्यूयॉर्क में जानलेवा हमले के बाद अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है, उनके गले और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचा है। मुंबई में जन्मे 75 साल के यह लेखक काफी समय से इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर थे।दरअसल, 1988 में उनकी बहुचर्चित किताब 'सटेनिक वर्सेज' आई और इस पर ईशनिंदा के आरोप लगे।दुनियाभर में कट्टरपंथी उनके खून के प्यासे बन गए। किताब पर सबसे पहले भारत में बैन लगा। मगर इस बैन का किस्सा भी बहुत दिलचस्प है। कहा जाता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को ही किताब पर भारत के बैन के बारे में पता नहीं था।

कट्टरपंथियों में नाराजगी इस कदर थी कि मजहब के स्वयंभू ठेकेदारों ने रश्दी के खिलाफ मौत का परवाना निकाल दिया। इधर अपनी किताब पर भारत में बैन लगने से सलमान रुश्दी बहुत आहत हुए। उन्होंने तत्कालीन पीएम राजीव गांधी को एक तीखा खत लिखा। इसके अलावा उन्होंने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजीव गांधी और भारत पर जमकर भड़ास निकाली। इस किताब के आयात को लेकर सरकार के पास चिट्ठियों के ढेर पहुंच रहे थे। दूसरी तरफ किताब पर बैन की मांग को लेकर जम्मू कश्मीर समेत तमाम राज्यों में प्रदर्शन हो रहे थे। वक्त संवेदनशील था। लिहाजा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने सूचना सलाहकार जी. पार्थसारथी से सलाह ली तो उन्होंने राय दी कि मामले को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया जाना चाहिए क्योंकि कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी उसी की है। बाद में सेटेनिक वर्सेज पर बैन लगाने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना। दिसंबर 2015 में राजनीतिक विश्लेषक और वष्टि पत्रकार इंदर मल्होत्रा ने इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित अपने एक ब्लॉग में इसका खुलासा किया था।

मल्होत्रा ने लिखा कि राजीव गांधी दूरदर्शन पर एक खबर देखकर चौंक गए।

खबर थी सटेनिक वर्सेज के भारत में आयात पर बैन की। राजीव ने तुरंत पार्थसारथी को फोन किया- दूरदर्शन पर खबर देखी क्या आपने? सटेनिक वर्सेज पर बैन का ऑर्डर कैसे जारी हो गया। पार्थसारथी ने बताया कि बैन का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है। तत्कालीन गृह सचिव सीजी सोमैया ने साफ किया कि अगर रुश्दी की किताब को भारत आने दिया गया तो कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।

अस्पताल में हुई सर्जरी

अस्पताल में रुश्दी की सर्जरी की जा चुकी है। हमलावर की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मतार के तौर पर हुई है। रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने कहा है कि रुश्दी बोल नहीं पा रहे हैं। चाकू से हमले में उनकी हाथ की नसें भी कट गई है। आशंका है कि हमले में उनकी एक आंख भी खराब हो गई है। इसके अलावा उनके लीवर में भी चाकू घोंपी गई है, जिससे लीवर को भी नुकसान पहुंचा है।