अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से पूरी दुनिया सकते में है। ट्रंप पर हमला तब हुआ जब वे एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस हमले में ट्रंप बड़ी मुश्किल से बच पाए। गोली ट्रंप के कान को छूकर निकली, हमले में वह बाल-बाल बचे।
फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप खतरे से बाहर हैं। इस बीच, मामले की जांच कर रहे अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलावर की पहचान 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू के रूप में की है। गोलीबारी के तुरंत बाद एक स्नाइपर ने उसे मार गिराया।
सुरक्षा बलों ने हमले में इस्तेमाल किया गया 'AR 15-Style Rifle' हथियार भी बरामद कर लिया है। यह एक ऐसी राइफल है जो अमेरिका की सबसे कुख्यात आग्नेयास्त्रों में गिनी जाती है। यह राइफल एक वीडियो गेम से अमेरिका में फेमस हुई।
हमलावर थॉमस मैथ्यू ने फायरिंग के लिए सभा स्थल से थोड़ी दूरी पर एक प्रोडक्शन प्लांट को चुना। उन्होंने खुद को बटलर ग्राउंड के मंच से 130 कदम की दूरी पर तैनात किया, जहां ट्रंप भाषण देने वाले थे। जांच के दौरान हमले की जगह पर एक 'AR 15-Style Rifle' भी मिली।
सुरक्षा अधिकारियों ने घटनास्थल से जो हथियार बरामद किया वह 'एआर 15-स्टाइल' सेमी-ऑटोमेटिक राइफल है। राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन द्वारा AR-15 राइफल को 'अमेरिका की राइफल' कहा गया है। यह एम-16 पूरी तरह से स्वचालित सैन्य लड़ाकू राइफल जैसा दिखता है। इसे विकसित करने वाली कंपनी का नाम आर्मलाइट है।
ऐसा कहा जा रहा है कि, AR 15 शैली की राइफलें अक्सर अमेरिकी बाजारों में आसानी से उपलब्ध होती हैं। इसके साथ ही, राइफल के साथ उपयोग किए जाने वाले अन्य उपकरण भी सरल है, जिससे अप्रशिक्षित निशानेबाज भी घातक हमलावर बन सकते हैं।
AR 15 शैली की राइफलें हल्की, सटीक और कम दूरी की होती हैं। इस राइफल को .22-कैलिबर और .308-कैलिबर जैसी भारी और हल्की गोलियां चलाने के लिए बनाया जा सकता है। हालाँकि, यह आम तौर पर 5.56 मिमी की गोलियां दागता है और इसकी मारक क्षमता 500 से 800 गज के बीच होती है।
2004 में, नागरिक उपयोग के लिए कुछ अर्ध-स्वचालित हथियारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया। राइफल नौ अमेरिकी राज्यों में प्रतिबंधित है।