अधिक मात्रा में न खाएं पालक, जानिए क्यों है सेहत के लिए हानिकारक?


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स्टोरी हाइलाइट्स

पालक में वैसे तो आयरन और विटामिन के साथ काफी सारे पोषक तत्व मौजूद रहते है, इसलिए सभी को पालक का सेवन करने की सलाह दी जाती है..!

हरी पत्तेदार सब्जियों  को सेहत के लिए हमेशा ही अच्छा माना जाता है लेकिन कहा जाता है कि अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती है। यानी कि जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज का किया जाना हानिकारक होता है। यहां हम बात कर रहें है पालक की।

पालक में वैसे तो आयरन और विटामिन के साथ काफी सारे पोषक तत्व  मौजूद रहते है। इसलिए सभी को पालक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर पालक का सेवन आवश्यकता से अधिक किया जाए, तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता  हैं।

पालक में सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, प्रोटीन और विटामिन जैसे ढ़ेरों खनिज तत्व पाए जाते हैं। पालक को सब्जी, सलाद, जूस, सूप के रूप में कई तरीकों से खाया जा सकता है।

लेकिन पालक में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, और लंबे समय तक इनके अधिक सेवन से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। पालक में मौजूद विटामिन रक्त को पतला करने वाली दवाओं और कुछ अन्य दवाओं की प्रभावशीलता को भी कम कर सकते हैं।

पालक के अत्यधिक सेवन से नुकसान :-

  • पालक में भरपूर मात्रा में कई तरह के विटामिन्स मौजूद होते हैं जो खून को पतला करने वाली दवा के साथ रिएक्ट करते हैं। इसलिए अगर आप खून पतला करने की दवा ले रहे हैं, डायबिटीज का शिकार हैं, तो किडनी में स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है, तो ऐसे में आपको पालक खाने से बचना चाहिए।
  • पालक में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है और कैल्शियम का अधिक सेवन हृदय रोग का कारण बन सकता है पालक में पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है और पोटेशियम की अधिक मात्रा उल्टी, डायरिया का कारण बन सकती है।
  • पालक में ऑक्सालेट होता है, जो ऐसे कम्पाउंड है जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर पथरी का कारण बन सकता है। ये पथरी यूरिन में ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ने से बनती है। गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकार का कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन हैं।
  • सौ ग्राम पालक में 970 मिलीग्राम ऑक्सालेट होता है। हालांकि, पालक को उबालने से ऑक्सलेट की मात्रा कुछ हद तक कम हो सकती है। पालक के साथ कैल्शियम युक्त भोजन मिलाने से भी पथरी बनने से रोका जा सकता है।
  • पालक में विटामिन K का उच्च स्तर होता है, एक खनिज जो रक्त को पतला करने की प्रभावशीलता को कम करता है। स्ट्रोक की शुरुआत को रोकने के लिए आमतौर पर ब्लड थिनर दिए जाते हैं। इसलिए, ऐसे व्यक्तियों को अपने पालक का सेवन कम करना चाहिए।
  • पालक के अधिक सेवन से सूजन, गैस और ऐंठन का अत्यधिक निर्माण हो सकता है, क्योंकि आपके शरीर को पालक को पचाने के लिए समय की आवश्यकता होती है और यह सब एक बार में उयापचय नहीं कर सकता है।
  • पालक फाइबर से भरपूर होता है और इसलिए इसे पचने में समय लगता है, जिससे पेट में दर्द, दस्त और बुखार हो सकता है।
  • यह सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।