इस दुनिया में एक समय में अनेक लोग मृत्यु के दरवाजे पर खड़े होते हैं। लेकिन मृत्यु को स्वीकार करना बहुत कठिन होता है। जिसकी सबसे ज्यादा स्वीकार्यता होनी चाहिए वही सबसे ज्यादा अस्वीकार होती है। रोज किसी न किसी को मरना होता है, और ऐसे लाखों लोग होते हैं जो मृत्यु की दहलीज पर पहुंचे हुए हैं। जिनकी मृत्यु करीब नहीं भी दिखाई दे रही है वह भी कभी भी कैसे भी मर सकते हैं।
मृत्यु को कैसे एक्सेप्ट करें? How to accept death? :BY अतुल विनोद
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