भोपाल: रेडिएंट एकेडमी एजुकेशन सोसाइटी इंदौर के द्वारा संचालित रेडिएंट स्कूल ऑफ मेनेजमेंट एंड साईंस को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दी गई अनापत्ति प्रमाण-पत्र वापस ले लिए गए है। इसके बाद भी विद्यार्थियों के एडमिशन किए जा रहें हैं। बताया जा रहा है कि रेडिएंट एकेडमी एजुकेशन सोसाइटी को उम्मीद है कि विद्यार्थियों के भविष्य की दुहाई देकर कमीशनर इंदौर से अस्थायी तौर पर एक साल के फिर देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी संबद्धता प्राप्त करने कर लेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में रेडिएंट स्कूल ऑफ मेनेजमेंट एंड साईंस को स्थान परिवर्तन की अनुमति दी गई थी। जिसे नियमानुसार नहीं पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया है। विभाग की जांच में पाया गया कि महाविद्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भवन की लीज 4 वर्ष 11 माह की है, जबकि लीज की अवधि नियमानुसार 30 वर्ष की होनी चाहिए। इस संबंध में सभी तथ्य पर विचार करने के बाद विभाग ने अशासकीय महाविद्यालयों के संचालन के संबंध में प्राप्त अधिकारों के तहत रेडिएंट स्कूल ऑफ मेनेजमेंट एवं साईंस को दी गई सभी अनापत्ति प्रमाण-पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।
कॉलेज के संचालन के लिए न तो पर्याप्त जमीन है और न ही खेल मैदान..
रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड सांइस कॉलेज इन्दौर तमाम गंभीर कमियों के बावजूद संचालित किया जा रहा है। रेडिएंट कॉलेज के संचालन के लिए न तो पर्याप्त जमीन है और न ही खेल मैदान और पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था है। केवल कुल 12574 वर्ग फिट कॉरपेट एरिया में बनी एक मंजिल बिल्डिंग में ही कॉलेज संचालित हो रहा है। जबकि मानदंड के अनुसार 18000 वर्गफिट का कॉरपेट चाहिए। इन्हीं कमियों के चलते ही आयुक्त उच्च शिक्षा ने पिछले शैक्षणिक सत्र में संबद्धता ने निरस्त करने के आदेश दिए थे, जिसे डीएवीवी इंदौर के कुलगुरु कुलसाचिव ने अनदेखी कर एडमिशन करवा दिए थे।
पिछले वर्ष भी थी कॉलेज की संबद्धता निरस्त..
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में भोपाल से उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वड़वड़े ने भी एक पत्र लिखा था, जिसमें यह लिखा था कि रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड साइंस इन्दौर को उनके पत्र क्रमांक आरआईएमएस 198/24 दिनांक 16 फरवरी 2024 के संदर्भ में रेडिएन्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड सांइस इन्दौर सेक्टर-ए, बख्तावर रामनगर, इंदौर से नवीन स्थल फीनिक्स सिटाडेल मॉल के पास, इन्दौर-देवास बायपास रोड निपानिया, इन्दौर किये जाने संबंधी कार्यालयीन आदेश कमांक 446/86/आउशि/संबद्धता/2024 दिनांक 23 जुलाई 2024 को एतद द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था।
रेडियंट मेनेजमेंट एण्ड साइंस कॉलेज की प्रमुख कमियां..
* 30 वर्षीय लीज के भवन में महाविद्यालय संचालन का प्रावधान है। जबकि लीज डीड 04 वर्ष 11 माह की है।
* नवीन परिसर में विद्यमान महाविद्यालय स्थानांतरित किए जाने हेतु नगरीय क्षेत्र में 02 एकड़ भूमि तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 05 एकड़ मूमि होना आवश्यक है। समिति के नाम पर भूमि नहीं है।
* महाविद्यालय परिसर का क्षेत्रफल कम से कम 15,000 वर्गफिट होना अनिवार्य होगा। जबकि कुल क्षेत्रफल कुल 6,287 स्क्वेयर फीट है।
* 2 स्नातक स्तर के संकाय हेतु निर्मित क्षेत्रफल 10,000 तथा अतिरिक्त प्रति स्नातक स्तर के संकाय हेतु 3,000 एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हेतु 1,000 वर्गफिट का अतिरिक्त निर्मित क्षेत्रफल होना आवश्यक है। भवन में भूतल पर 6,287, प्रथम तल पर 6,287 इस प्रकार कुल निर्मित क्षेत्रफल 12,574 वर्गफीट है, जबकि नियमानुसार 18,000 स्क्वेयर फीट होना आवश्यक है।
* खेल मैदान/पार्किंग की प्रमाणिक जानकारी एवं समिति के सदस्यों की रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ से अनुमोदित अद्यतन / वैध सूची उपलब्ध नहीं है।
रेडियंट इंस्टिट्यूट का मामला लोयुकायुक्त पहुंचा..
मानदंडों की अनदेखी कर रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर के संचालन में मदद करने के चलते शिवम ने डीएविवि के कुलपति राकेश सिंघई, रजिस्ट्रार अजय वर्मा, विश्वविधालय के अकादमिक विभाग एडीसी राजीव दीक्षित और रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर के आशीष सेतिया, संस्था के सचालकों के 5 फरवरी 25 को लोकायत में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में पद के दुरुप्रयोग कर कदाचरण और अनियमिता कर लाखों रूपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि शासन से रेडियंट इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं साईस इंदौर की संबद्धता निरस्त होने के उपरांत भी उन्हे इन्टस्टीयुट संचालन में मदद किया जाना कुलपति और रजिस्टार भ्रष्टाचार पूर्ण कृत्य को साबित करते हैं।