PCC चीफ जीतू पटवारी के बिगड़े बोल..IAS अधिकारियों को दी अजब चेतावनी


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स्टोरी हाइलाइट्स

अपनी चड्डी का बटन लगाकर रखें, वरना... समय एक जैसा नहीं चलता... कलेक्टर की कुर्सी पार्टी या किसी विचार के लिए नहीं होती, यह जनता के लिए होती है.. भाजपा ने बताया, "घटिया मानसिकता"..!!

मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। एमपी के प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान ने खलबली मचा दी। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के आईएएस अधिकारियों को लेकर विवादित बयान सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ‘बहुत मेहनत करने के बाद IAS बनता है। कलेक्टरों को सर्विस बुक दी जाती है और उनके रूल के अनुसार शासन करना होता है, लेकिन देखने में आता है कि 70 से 90% IAS जो जिले में जाते हैं, वो बीजेपी के पक्ष में काम करते हैं और विपक्ष पर यातनाएं करते हैं।’

पटवारी ने आगे कहा कि 'कलेक्टर की कुर्सी पार्टी या किसी विचार के लिए नहीं होती, यह जनता के लिए होती है। जो IAS चड्डी पहन कर घूम रहे हैं, वह अपनी चड्डी का बटन लगाएं। समय एक जैसा नहीं होता। सभी IAS को सुधारना होगा और सर्विस बुक के रूल के अनुसार काम करना होगा।'

कांग्रेस का कहना है, कि यह बयान प्रशासनिक हस्तक्षेप और अधिकारियों की निष्क्रियता पर आधारित था। लेकिन भाजपा ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "घटिया मानसिकता" बताया। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने पटवार पर व्यक्तिगत हमला बोला, उन्हें "असफल नेता" कहा और अतीत के विवादास्पद बयानों को फिर से ज़िंदा किया। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि बयान के संदर्भ को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने जीतू पटवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पटवारी साथी विधायकों के बीच जूस और शरबत ढूंढ़ने का काम करते हैं। जब वे कमलनाथ सरकार में मंत्री थे, तब जनता के बीच जाकर देसी-विदेशी शराब का इंतज़ाम करते थे।" केसवानी ने यह भी आरोप लगाया कि, "पटवारी ने कहा था कि मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा शराब महिलाएँ पीती हैं और अपनी ही पार्टी से कहा था, 'पार्टी को तेल पीने दो।' यह सब उनकी नेतृत्व क्षमता और नैतिकता पर सवाल खड़े करता है।"

केसवानी ने आगे कहा, “जीतू पटवारी मध्य प्रदेश कांग्रेस के अब तक के सबसे असफल प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस मुक्त हो गया। वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका तालमेल न होना उनकी नाकामी का सबूत है।”

बाद में पटवारी ने भी सफाई दी: "मेरा बयान अधिकारियों की निष्क्रियता पर व्यंग्य था, अपमान नहीं। भाजपा इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। मैंने कभी अधिकारियों का अपमान नहीं किया।" 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समर्थन में एक्स पर पोस्ट किया: "जीतू का बयान प्रशासनिक सुधारों को लेकर था। भाजपा हमेशा विपक्ष के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है।" कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा, “यह छिंदवाड़ा की घटना जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा की एक भटकाने वाली चाल है।”

पटवारी ने पिछले विवादों का हवाला देते हुए पलटवार किया। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्होंने माफ़ी मांगी थी। पटवारी ने कहा, “दूसरों पर कीचड़ उछालने वाली भाजपा को आईने में देखो।”

जीतू पटवारी से जुड़ा यह कोई पहला विवाद नहीं है। अगस्त 2025 में उन्होंने कहा था, "मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा शराब महिलाएँ पीती हैं," जिसे भाजपा ने "महिला विरोधी" करार दिया था। पटवारी ने स्पष्ट किया कि यह शराबबंदी के बढ़ते प्रचलन को लेकर चिंता थी, अपमान नहीं। इससे पहले, 2020 में, उनका ट्वीट, "एक बेटे के लिए पाँच बेटियाँ," विवादास्पद रहा था, जिसके लिए उन्होंने माफ़ी मांगी थी।