कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने के बाद भी फोन करके रो पड़े विजय यादव


स्टोरी हाइलाइट्स

विजय के जूडो कोच अर्जुन अवार्डी यशपाल सोलंकी बताते हैं कि पदक जीतने वाले विजय 12 साल से जूडो सीख रहे हैं।

भोपाल. कॉमनवेल्थ गेम्स में भोपाल की स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि साई के विजय यादव ने जूडो में ब्रांज मेडल जीता है। उन्होंने 1 अगस्त को पदक अपने नाम किया था लेकिन विजय और उनके कोच को गोल्ड की उम्मीद थी। ब्रांज मेडल जीतने के बाद विजय ने कोच को फोन किया और रो पड़े। विजय यादव 60 किग्रा कैटेगरी में खेले थे। 

विजय के जूडो कोच अर्जुन अवार्डी यशपाल सोलंकी बताते हैं कि पदक जीतने वाले विजय 12 साल से जूडो सीख रहे हैं। वे बचपन में जूडो के साथ कुश्ती के दांव पेंच भी सीखा करते थे। यशपाल उन्हें 2013 से जूडो सिखा रहे हैं। कोच उन्हें सेंटर के सबसे मेहनती और लगनशील खिलाड़ियों में बताते हैं। विजय की वेट कैटेगरी में सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा थी। उन्हें कांस्य पदक जीतने के लिए पूरे चार और कठिन मुकाबले लड़ने पड़े।

कोच यशपाल सोलंकी ने बताया कि विजय के कांस्य पदक से वे संतुष्ट हैं भी और नहीं भी। मैच खत्म होते ही विजय ने उन्हें कॉल किया और रोने लगे। मैं भी अपने आंसू नहीं रोक पाया क्योंकि हम गोल्ड की उम्मीद कर रहे थे। हमने सिर्फ दो मिनट ही मेडल के बारे में बात की। उसके बाद हम अपने अगले टारगेट एशियन गेम्स के बारे में बातें करने लगे।


 

SEEMAA DIWAN

SEEMAA DIWAN

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