लॉन टेनिस के बेताज बादशाह रोजर फेडरर आज टेनिस को अलविदा कह रहे हैं। फेडरर का सफर काफी लंबा है, जब उन्हाने प्रोफेशनल टेनिस में अपनी शुरुआत की थी तब एक अलग दौर था और तब से फेडरर ने अपनी बादशाहत बरकरार रखी।
कई वर्षों तक विरोधियों और अपने शरीर से जूझने के बाद, उन्होंने मेन स्ट्रीम टेनिस से संन्यास लेने का फैसला किया। अगले हफ्ते लेवर कप कोर्ट पर उनका आखिरी पड़ाव होगा जहां फेडरर को आखिरी बार खेलते हुए देख पाएंगे।
फेडरर को लेकर पत्रकार नरेंद्रनाथ मिश्रा ने एक दिलचसप ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि फेडरर का सफर कितना लंबा है,जब उन्हाेंने प्रोफेशनल टेनिस में इंट्री मारी थी तब मो. अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन थे –अटलबिहारी बाजपेयी भारत के PM थे -क्योंकि सास भी कभी बहु थी सीरियल शुरू नहीं हुआ था -गुगल अस्तित्तव में नहीं था -सेनसेक्स 3000 पर था। और आज जब वे टेनिस को अलविदा कह रहे हैं सारी कहानी ही बदल गई है।
फेडरर का सफर कितना लंबा है,जब उन्हाेंने प्रोफेशनल टेनिस में इंट्री में मारी थी तब
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) September 15, 2022
-अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन थे
-अटलबिहारी भारत के PM थे
-क्योंकि सास भी कभी बहु थी सीरियल शुरू नहीं हुआ था
-गुगल अस्तित्तव में नहीं था
-सेनसेक्स 3000 पर था
आज टेनिस को अलविदा कह रहे हैं
रोजर फेडरर कोर्ट के अंदर और बाहर दोनों जगह महानता के प्रतीक थे।
एक पेशेवर के रूप में रोजर फेडरर का पहला टूर्नामेंट 1998 में एटीपी गस्ताद था, जहां उन्होंने 32 के दौर में लुकास अर्नोल्ड केर का सामना किया और 4-6, 4-6 से हार गए। फेडरर का पहला फाइनल मार्सिले ओपन में आया, जो 2000 में था, और वह साथी स्विस मार्क रॉसेट से 6–2, 3–6, 6–7 से हार गए। फेडरर की पहली टूर्नामेंट जीत 2001 मिलान इंडोर टूर्नामेंट में हुई थी, जहां उन्होंने जूलियन बॉटर को 6-4, 6-7, 6-4 से हराया था। इस समय वह सबसे प्रतिष्ठित इवेंट फाइनल में मियामी मास्टर्स इवेंट था, जहां वह आंद्रे अगासी से 3-6, 3-6, 6-3, 4-6 से हार गया था। इसके अलावा, फेडरर ने हैम्बर्ग मास्टर्स ऑन क्ले में अपना पहला मास्टर सीरीज इवेंट, मराट सफीन पर 6–1, 6–3, 6–4 से जीता।
जुलाई 2016 में विंबलडन सेमीफाइनल खेलते समय उनके घुटने में चोट लग गई थी। उस चोट ने उनके सीज़न का शुरुआती अंत किया। वह ओलंपिक और यूएस ओपन से चूक गए और फिटनेस हासिल करने में लगभग 6 महीने लग गए। उस समय फेडरर के पास 17 ग्रैंड स्लैम खिताब थे और ऐसा लग रहा था कि वह 20 का आंकड़ा नहीं छू पाएंगे।
उस समय फेडरर 35 वर्ष के थे लेकिन फेडरर लड़े। वह अगले साल ऑस्ट्रेलियन ओपन खेले और फाइनल में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी राफेल नडाल को हराकर अपना 18वां ग्रैंड स्लैम जीता।फेडरर ने पिछले 6 साल में सिर्फ 3 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। वहीं 41 साल की उम्र में भी, उनके फैंस ने उनकी वापसी का इंतजार किया।