UP में बीजेपी सांसद और उनकी पत्नी आमने सामने, जानिए किस इस सीट पर हो रहा ये दिलचस्प मुकाबला!


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स्टोरी हाइलाइट्स

बीजेपी प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने अपने पति के खिलाफ इटावा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है..!!

इटावा लोकसभा सीट वीआईपी सीटों में गिनी जाती है। लंबे समय तक सपा का गढ़ रही इस सीट पर 2014 की मोदी लहर में बीजेपी ने कब्जा कर लिया था। जो आज भी बरकरार है। इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद रामशंकर कठेरिया को टिकट दिया है। मुकाबला पहले से ही दिलचस्प था लेकिन अब सांसद की पत्नी के ताल ठोंकने से इसमें एक नया मोड़ आ गया है।

दरअसल बीजेपी प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया चुनाव मैदान में उतर गई हैं। उन्होंने पति के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करने के साथ ही अपनी उम्मीदवारी भी दर्ज करा दी है। वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी।

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। पहले यह एसपी के पास थी। 2014 के चुनाव में अशोक दोहरे सांसद चुने गए। इसके बाद 2019 के चुनाव में बीजेपी ने रामशंकर कठेरिया को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की। इस बार भी बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है।

इटावा संसदीय सीट दलित बहुल सीट है। जिनकी संख्या 4.5 लाख से भी ज्यादा है। इसके बाद करीब 3 लाख ब्राह्मण वोटर हैं। यहां करीब सवा लाख क्षत्रिय मतदाता हैं। जहां तक ​​ओबीसी की बात है तो लोधी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके बाद यादव, शाक्य और पाल मतदाताओं का नंबर है। वहीं, एक लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं।

इटावा सीट पर अब तक चुने गए सांसदों में 1957 का चुनाव समाजवादी पार्टी के अर्जुन सिंह भदौरिया ने जीता। 1962 में कांग्रेस यहां से जीती। 1967 में अर्जुन सिंह भदौरिया की वापसी हुई। 1971 में कांग्रेस फिर जीती। 1977 के चुनाव में अर्जुन सिंह भदौरिया जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गये। 1980 में राम सिंह शाक्य जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गये। 

1984 में कांग्रेस की जीत हुई और रघुराज सिंह सांसद चुने गये। 1989 में जनता दल के राम सिंह शाक्य जीते। 1991 में बसपा संस्थापक कांशीराम जीते। 1996 में सपा के राम सिंह शाक्य फिर जीते। 1998 में बीजेपी ने अपना खाता खोला और सुखदा मिश्रा सांसद बनीं। 1999 और 2004 में सपा के रघुराज सिंह शाक्य जीते। 2009 में प्रेमदास कठेरिया सांसद चुने गए। 2014 में बीजेपी ने यह सीट सपा से छीन ली थी।