MP के सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा कैशलेस इलाज, खोखले ही रहे सरकार के वादे


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स्टोरी हाइलाइट्स

आयुष्मान भारत योजना, सरकारी कर्मचारियों के कैशलेस इलाज के वादे का क्या हुआ..?

मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह ने कर्मचारियों के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि "पिछले पांच सालों से मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान आरोग्य योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे उनमें निराशा और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 18 महीने पहले इस योजना के तहत कर्मचारियों को लाभ देने की घोषणा की थी। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई गई थी, लेकिन आज तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं।" 

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि "मुख्यमंत्री ने कई बार 5 से 20 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज का वादा किया था, लेकिन ये वादे हवा-हवाई ही साबित हुए हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि बिना क्रियान्वयन के बार-बार विज्ञापन दिखाने से भरोसा कमजोर हो रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी, अब समय आ गया है कि विज्ञापनों से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाए जाएं। कर्मचारियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और वादों पर अमल करने के लिए तत्काल आदेश जारी करें।" तीन मुख्यमंत्रियों ने कैशलेस इलाज का वादा किया है।

2019 में, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, कमलनाथ सरकार ने कैबिनेट बैठक में कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को मंज़ूरी दी थी। यह योजना 1 अप्रैल से लागू होनी थी और राज्य के सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना था। लेकिन फिर शिवराज सिंह की ताजपोशी हुई और 2023 के चुनावों के बाद मोहन यादव ने अध्यक्ष पद संभाला। लेकिन अभी तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।