भोपाल: राज्य सरकार ने पर्यावरण पर्यटन को प्रोत्साहन देते हुए एक नया प्रावधान लागू किया है, जिसके अंतर्गत अब राष्ट्रीय उद्यानों, टाइगर रिजर्वों और अभयारण्यों के समीप स्थित स्थानीय होटल एवं रिसॉर्ट अपने वाहनों से भी पर्यटकों को जंगल सफारी करवा सकेंगे।
हालांकि इसके लिए होटल-रिसॉर्ट संचालकों को वन विभाग से अधिकृत प्रवेश टिकट प्राप्त करना आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त उन्हें वन विभाग द्वारा अधिकृत निजी वाहनों को देय सफारी शुल्क का 70 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
होटल-रिसॉर्ट के सफारी वाहन गैर-रोस्टर रजिस्टर में 10,000 रुपये शुल्क देकर पंजीकृत किए जाएंगे।
सफारी टिकट वितरण की व्यवस्था इस प्रकार होगी:
- कुल टिकटों में से 70 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे, जो पूर्ण वाहन बुकिंग के लिए होंगे।
- 10 प्रतिशत टिकट उन पर्यटकों के लिए होंगे जो सिंगल सीट बुक करना चाहते हैं।
- शेष 10 प्रतिशत सिंगल सीट टिकट सफारी दिवस से एक दिन पूर्व दोपहर 2 बजे के बाद ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
- इसके अतिरिक्त, माधव, रानी दुर्गावती एवं रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सफारी के लिए अन्य बड़े टाइगर रिजर्व की तुलना में लगभग आधा शुल्क निर्धारित किया गया है।
- यह कदम स्थानीय पर्यटन उद्योग को सशक्त करने और पर्यटकों को अधिक सहज अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
डॉ. नवीन आनंद जोशी