संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार 18 दिसंबर को 'विकास भारत एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन (रूरल) बिल, 2025' लोकसभा में पेश किया गया, इस विपक्ष ने भारी हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा करते हुए सरकार पर महात्मा गांधी का अपमान करने और महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) के नियमों को कमजोर करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, "2009 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए NREGA स्कीम में महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया था।"
BJP के सीनियर नेता ने कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी की मोदी सरकार की स्कीमों के नाम मनमाने ढंग से बदलने की आलोचना का भी जवाब दिया और नेहरू और गांधी के नाम पर रखे गए कई वेलफेयर प्रोग्राम बताए।
विपक्षी सदस्यों ने बिल फाड़कर और नारे लगाकर सदन की कार्यवाही में रुकावट डाली। इससे पहले, उन्होंने बिल वापस लेने की मांग को लेकर पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स के अंदर प्रोटेस्ट मार्च निकाला। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कानून को गांधी का अपमान और काम के अधिकार पर हमला बताया, जिससे ग्रामीण भारत में सोशियो-इकोनॉमिक बदलाव आया है। कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी मकर द्वार पर प्रोटेस्ट में सांसदों के साथ प्रोटेस्ट में शामिल हुईं।
पुराण डेस्क